फर्जी बीएड डिग्री की जांच के दौरान जिले के 24 शिक्षकों की सर्विस बुक का कोई पता नहीं चल रहा। जांच के दौरान इन शिक्षकों ने अपने शैक्षिक अभिलेख भी उपलब्ध नहीं कराए हैं। जिसके चलते ये शिक्षक भी संदेह के घेरे में आ गए हैं। जिले में जांच के दौरान 77 फर्जी शिक्षकों को पकड़ा गया है। जिनकी सूची निदेशालय और सचिव माध्यमिक शिक्षा को भेजी जा चुकी है। शनिवार को भी फर्जी शिक्षकों की सूची जारी करने को लेकर विभाग में ऊहापोह बनी रही। एसआईटी जांच के दौरान जिले के 24 शिक्षक ऐसे निकले हैं जिनके अभिलेख जांच के दौरान सामने नहीं आए। इन शिक्षकों से अभिलेख मांगे भी गए लेकिन इन शिक्षकों ने बीएड की मूल अंकतालिका उपलब्ध नहीं कराई। इन शिक्षकों की सर्विस बुक भी गायब हैं। सर्विस बुक गायब होने से विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। चूंकि इन शिक्षकों से अभिलेख भी मांगे गए थे। इसलिए सर्विस बुक और अभिलेख न मिलने के चलते इनकी जांच नहीं हो पायी। इन सभी शिक्षकों को भी विभाग ने संदेह के घेरे में ले लिया है। बीएसए का कहना है कि ये शिक्षक संदेह के घेरे में हैं। खंड शिक्षाधिकारियों को दो दिन में रिपोर्ट देने को कहा गया है। अभिलेख न देने वाले शिक्षकों का वेतन रोक दिया गया है। और इनसे स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है। बीएसए, मैनपुरी विजयप्रताप सिंह ने बताया कि लगभग 20 से 25 शिक्षकों की सर्विस बुक नहीं मिली है। एबीएसए को निर्देश दिए गए हैं। ये शिक्षक भी संदेह के घेरे में है। इनका वेतन रोक दिया गया है।
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