रिपोर्ट सौंपी
’कानपुर नगर में ही 12 नाम सामने आए, कार्रवाई शुरू की
भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा से बीएड की फर्जी डिग्री लेकर बने सहायक शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है। नगर में ऐसे 12 शिक्षक पाए गए हैं जिन्होंने फर्जी अंकतालिका लगाई है। यहां दस्तावेजों में टेंपरिंग (बदलाव) कर नौकरी पाने वाले शिक्षक नहीं मिले हैं। इन्हें नोटिस जारी किए जा रहे हैं। मंडल में कुल 221 ने फर्जी अंकतालिकाओं और 26 ने दस्तावेजों में टेंपरिंग के आधार फर्जी तरीके से नौकरी पाई है। उप शिक्षा निदेशक (बेसिक) डॉ. फतेह बहादुर सिंह ने बताया कि सत्र 2004-05 की आगरा विश्वविद्यालय की बीएड डिग्री की सीडी भेजी गई थी। इसके आधार पर पूरे मंडल में दो तरह के सहायक शिक्षकों की जानकारी जुटाई गई। एक ऐसे जो फर्जी अंकतालितका के आधार पर नौकरी कर रहे हैं और दूसरे वे जो दस्तावेजों में टेंपरिंग कर नौकरी पा चुके हैं। इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। कई जिलों में कर रहे नौकरी:कानपुर नगर में 12, कानपुर देहात में 16, कन्नौज में 50, इटावा में 40, औरैय्या में 41, फरुखाबाद में 62 फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी करते पाए गए। टेंपरिंग के आधार पर कानपुर देहात में 04, इटावा में 12 व औरैय्या में 10 सहायक अध्यापकों के नामों की पुष्टि हुई है। इनके स्थानांतरण हो गए:फर्जी डिग्री से नौकरी पाने वाले शिक्षकों में कानपुर देहात के 16 में से 11, कन्नौज के 50 में से 16 और फरुखाबाद के 62 में से 12 के स्थानांतरण हो चुके हैं। टेंपरिंग मामले में कानपुर देहात में 04 में से दो के ट्रांसफर हो चुके हैं। कुल 247 में 41 शिक्षक ट्रांसफर हो चुके हैं। चार हजार नामों में छांटे गए: जांच कर रही एजेंसी एसआईटी ने चार हजार से अधिक नामों की लिस्ट की सीडी भेजी थी। इन नामों से सहायक शिक्षक की नौकरी पाने वालों की पहचान की गई है।
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