उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षाओं के लिए केंद्रों के निर्धारण में अनियमितता पर शासन ने गंभीर रुख अख्तियार किया है। अपर मुख्य सचिव माध्यमिक संजय अग्रवाल ने मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग कर दागी और डिबार विद्यालयों को केंद्र बनाने पर चिंता जाहिर की और इसके लिए की गई ऑनलाइन फीडिंग को क्रास चेक करने का निर्देश दिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि 28 नवंबर तक आपत्तियों का निस्तारण कर 30 नवंबर तक केंद्रों का निर्धारण कर लिया जाए।
■ प्राइमरी का मास्टर ● कॉम का एंड्राइड एप
गौरतलब है कि दैनिक जागरण ने परीक्षा केंद्रों के निर्धारण में गड़बड़ी का मुद्दा प्रमुखता से उठाया था। परिषद के निर्देश पर पहली बार ऑनलाइन परीक्षा केंद्रों का निर्धारण हुआ और उसमें अशासकीय विद्यालयों की उपेक्षा कर वित्तविहीन विद्यालयों को केंद्र बनाया गया। ऐसी गड़बड़ियां कई जिलों में पाई गई। लगातार मिल रही शिकायतों के मद्देनजर मंगलवार को अपर मुख्य सचिव संजय अग्रवाल ने संयुक्त शिक्षा निदेशकों और जिला विद्यालय निरीक्षकों से वीडियो कांफ्रेंसिंग की और निर्देश दिया कि यदि कहीं पर दागी विद्यालय केंद्र बन गए हों तो उनके स्थान पर राजकीय अथवा अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों को केंद्र बनाया जाए। ऐसे विद्यालय उपलब्ध न होने पर ही वित्तविहीन विद्यालयों को केंद्र बनाया जाए। उन्होंने कहा कि यदि किसी विद्यालय में धारण क्षमता से अधिक विद्यार्थी आवंटित किए गए हों तो इसे परिवर्तित किया जाए और बैठक की कार्यवाही में इसके कारणों का उल्लेख किया जाए।
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