भारत ने आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) के सदस्य देशों से शिक्षा के क्षेत्र में कोष बढ़ाने के अपने संकल्प को पूरा करने की मांग की जिसे गुणवत्तापरक शिक्षा और सभी के लिए जीवन पर्यत सीखने के अवसर के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है।केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने यूनेस्को के 39 वें सम्मेलन को संबोधित करते हुए ग्लोबल एजुकेशन मॉनिटरिंग रिपोर्ट का जिक्र किया जिसमें कहा गया है कि नियंतण्र स्तर पर शिक्षा के क्षेत्र में धन देने की अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धता कमजोर बनी हुई है। उन्होंने कहा, इसलिए ओईसीडी विकसित देशों को अपना वादा पूरा करना चाहिए। अंतत: शिक्षा पर निवेश शांति और भविष्य के लिए निवेश जैसा है।
ओईसीडी अंतर सरकारी आर्थिक संगठन है जिसमें 35 सदस्य देश हैं। इसमें से अधिकतर को विकसित देश माना जाता है। जावड़ेकर ने कहा कि कि सतत विकास लक्ष्य 4 एजुकेशन 2030 और इससे जुड़े लक्ष्यों को हासिल करने के लिए धन मुहैया कराना जरूरी है। केंद्रीय मंत्री ने कहा की भारत यह मानता है कि एसडीजी तथा संबंधित लक्ष्यों को हासिल करने के लिए शिक्षा के वास्ते धन देने की जवाबदेही तय करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने विकास में साझेदार और अन्य देशों की जवाबदेही तय करने की मांग की। एसडीजी4- शिक्षा 2030 के एजेंडे के लिए बढ़ाया हुआ, लक्षित आर्थिक, प्रभावी और आवंटित धन के उचित इस्तेमाल पर जोर दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत अपनी जीडीपी का 4.5 प्रतिशत शिक्षा में निवेश करता है।
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