यूपी बोर्ड ने प्रदेश के 433 विद्यालयों को काली सूची में डाल दिया है। यह विद्यालय इस बार परीक्षा केंद्र नहीं बन सकें हैं और कई अगले दो वर्ष तक केंद्र नहीं बन पाएंगे। इनमें से कई विद्यालय बड़े नेताओं व पहुंच वालों के भी हैं, लेकिन पिछले वर्ष की परीक्षा में गड़बड़ी मिलने वाले कालेजों पर एक जैसी कार्रवाई की गई है।
यूपी बोर्ड ने हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा 2018 के केंद्रों को निर्धारित करने से पहले डिबार सूची तय की थी। उसका अनुमोदन लेने के बाद भी उसे वेबसाइट पर इसलिए नहीं डाला गया क्योंकि कई चर्चित नेताओं के स्कूल परीक्षा केंद्र न बन पाने से केंद्र निर्धारण से पहले ही विवाद शुरू हो जाएगा। बोर्ड ने कुल 433 विद्यालयों को डिबार किया है। इनमें जिन विद्यालयों में पिछले वर्ष दोबारा परीक्षा पड़ी थी, उन्हें तीन साल के लिए डिबार किया है, वहीं जिन कालेजों में अन्य गड़बड़ियां मसलन, कॉपी बदलने, प्रश्नपत्र समय से पहले खुलने जैसे मामले सामने आए, उन्हें एक साल के लिए काली सूची में डाला गया है। पूरी सूची जल्द ही वेबसाइट पर अपलोड होगी। इसमें वह कालेज भी जो पिछले दो वर्ष से डिबार रहे हैं।20 तक दे सकते हैं आपत्तियां
बोर्ड सचिव ने बताया कि वेबसाइट पर जारी अनंतिम सूची पर आम लोगों से 20 नवंबर तक आपत्तियां मांगी गई हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय पर ऑफलाइन या फिर ऑनलाइन आपत्ति तय समय में दे सकते हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक उनका निस्तारण जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली समिति के जरिए कराएंगे और 27 नवंबर तक हर हाल में बोर्ड मुख्यालय को रिपोर्ट भेजने को कहा गया है।हर हफ्ते होगी समीक्षा 1यूपी बोर्ड परीक्षा को लेकर शासन चौकन्ना है। इसकी समीक्षा बैठक व वीडियो कांफ्रेंसिंग बीते 14 नवंबर को हुई थी। अगली बैठक 21 नवंबर को लखनऊ में होगी। अध्यक्षता अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा संजय अग्रवाल करेंगे।
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