दिल्ली के इंडियन हैबिटेट सेंटर में खेल प्रवेशिका नाम की खेल वर्णमाला लॉन्च की गई।
पुराने वक्त में कहावत थी कि पढ़ोगे-लिखोगे तो बनोगे नवाब, खेलोगे-कूदोगे तो होगे खराब...समय के साथ यह कहावत पूरी तरह से बदल गई है। अब पढ़ाई के साथ खेल को भी जरूरी माना जाने लगा है। इस कड़ी में डीयू के छात्र और स्पोर्ट्स: अ वे ऑफ लाइफ एनजीओ के अध्यक्ष कनिष्क पांडे पढ़ाई और स्पोर्ट्स का ऐसा गठजोड़ लेकर आए हैं, जिससे यह दोनों एक-दूसरे के और नजदीक आ गए हैं।
कनिष्क ने गुरुवार को दिल्ली के इंडियन हैबिटेट सेंटर में खेल प्रवेशिका नाम की खेल वर्णमाला को लॉन्च किया। उनका दावा है कि यह विश्व पहली खेल वर्णमाला है। उन्होंने बताया कि इस वर्णमाला को बच्चों के बीच पहुंचाने के लिए उन्होंने पायलट प्रॉजेक्ट के रूप में गाजियाबाद को चुना है, जहां वह ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में नौनिहालों तक इसे पहुंचाएंगे।
अनाथालय से आए बच्चों ने किया वर्णमाला का विमोचन : वर्णमाला का विमोचन कनिष्क की तरफ से अनाथालय के बच्चों से करवाया गया। कनिष्क ने कहा कि अब इस वर्णमाला से बच्चे क से कबड्डी, ख से खो-खो पढ़ेंगे। इस दौरान साहित्य अकादमी के यूपी की बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री अनुपमा जायसवाल, अध्यक्ष विश्वनाथ प्रसाद तिवारी, एमसीआई के पूर्व चेयरमैन डॉ़ आरके श्रीवास्तव, थियेटर आर्टिस्ट बंशी कोल समेत अन्य मौजूद रहे।
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