किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सरकारी अधिकारी गांवों के परिषदीय विद्यालयों में किसान पाठशाला का आयोजन करेंगे। किसान पाठशाला में अधिकारी/मास्टर ट्रेनर किसानों को कम लागत में अधिक पैदावार, प्रमाणित बीज का चयन, औषधि खेती, सहफसली खेती, जैविक खेती समय पर खेती की बुआई समेत विभिन्न ¨बदुओं की सीख देंगे। साथ ही पाठशाला में सरकार की किसानों को लाभान्वित करने वाली योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया जाएगा।
किसानों को पारंपरिक खेती करने की विधि से बाहर निकाल कर उन्हें तकनीकी खेती अपनाने की सीख देकर उनकी आय बढ़ाने को सरकार नई पहल आरंभ कर रही है। बिजनौर समेत प्रदेश के सभी जिलों में परिषदीय विद्यालयों में पांच दिसंबर से शाम के समय किसान पाठशाला आरंभ की जाने वाली है। जिले की 130 न्याय पंचायत के दो-दो गांवों के परिषदीय विद्यालयों में दो चरणों में किसान पाठशाला का आयोजन होगा। पाठशाला में किसानों को खेती के बारे में जानकारी देने के लिए जिले के कई अधिकारियों को मास्टर ट्रेनर का प्रशिक्षण भी मिल गया है।
मास्टर ट्रेनरों में प्रत्येक पाठशाला के लिए ट्रेनरों को प्रशिक्षण दे दिया है। उप परियोजना निदेशक/मास्टर ट्रेनर योगेन्द्र पाल योगी ने बताया कि पाठशाला में किसानों को कम लागत में अधिक उत्पादन लेने के बारे में विस्तार से बताया जाएगा। किसानों को फसल बुआई के समय प्रमाणित बीज प्रयोग करने, खेती के साथ साथ पशुपालन करने, मुर्गी पालन करने, सहफसली खेती करने, औषधि खेती करने, फसल बीमा तथा बीज संशोधन आदि के विषय में विस्तार से बताया जाएगा।किसान पाठशाला की तैयारी पूरी हो गई है। किसान पाठशाला का शुभारंभ मृदा दिवस के अवसर पर पांच दिसम्बर 17 को किया जाएगा। मास्टर ट्रेनरों ने ट्रेनरों को प्रशिक्षण दे दिया है। उन्हें उम्मीद है कि इस पहल से किसानों की आय बढ़ोत्तरी जरूर होगी, क्योंकि तमाम जानकारी किसानों को उनके द्वार पर मिलेगी। जेपी चौधरी, उप कृषि निदेशक
मास्टर ट्रेनर योगेन्द्र पाल योगी ने बताया कि किसान पाठशाला पहले चरण में पांच दिसम्बर से नौ दिसम्बर तक चलेगी। दूसरे चरण में पाठशाला 11 दिसंबर से 15 दिसंबर तक चलेगी। मास्टर ट्रेनर परिषदीय विद्यालयों में चलने वाली किसान पाठशाला में शाम को 3.30 बजे से 4.30 बजे तक किसानों को जानकारी देंगे।
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