समीक्षा अधिकारी / सहायक समीक्षा अधिकारी की आगामी परीक्षा में कंप्यूटर के ‘ओ’ लेवल प्रमाण पत्र को अर्हता में शामिल करना प्रतियोगी छात्रों के गले नहीं उतर रहा है। इसे भ्रष्टाचार की जड़ बता रहे छात्रों ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर वस्तुस्थिति से अवगत कराया है। साथ ही 2014 में हुई परीक्षा में ‘ओ’ लेवल के समकक्ष फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर सफल हुए 22 अभ्यर्थियों का अभ्यर्थन निरस्त होने की जानकारी देते हुए इस अर्हता को विज्ञापन प्रकाशन से पहले वापस लेने की की है।1करीब साढ़े पांच सौ पदों के लिए शासन से भेजे गए अधियाचन पर उप्र लोक सेवा आयोग आरओ/एआरओ परीक्षा का नया विज्ञापन शीघ्र जारी करने वाला है। इसमें आवेदन के लिए शासन ने सभी आवश्यक अर्हताओं में कंप्यूटर के ‘ओ’ लेवल प्रमाण पत्र को भी शामिल किया है, जबकि शासन की ही मंशा पर आयोग ने इस प्रमाण पत्र के धारक अभ्यर्थी कम मिलने और सीटें खाली रह जाने का हवाला देते हुए इस अनिवार्यता को खत्म किए जाने का प्रस्ताव भेजा था, जिस पर शासन से कोई विचार नहीं हो सका। मुख्यमंत्री के नाम भेजे गए ज्ञापन में प्रतियोगी छात्र अवनीश पांडेय ने कहा है कि आरओ / एआरओ परीक्षा में यह प्रमाण पत्र को पिछली सपा सरकार ने भी अनिवार्य किया था जिसमें सफल अभ्यर्थियों में से 22 के बारे में पता चला कि उन्होंने ‘ओ’ लेवल के समकक्ष प्रमाण पत्र लगाए थे जो कि फर्जी पाए गए। उन अभ्यर्थियों का अभ्यर्थन आयोग के सचिव ने निरस्त कर दिया। कहा कि यूपीपीएससी की परीक्षा देने वाला अभ्यर्थी कंप्यूटर का ज्ञान होते हुए और आयोग की ओर से जारी मेरिट से भी अधिक अंक प्राप्त करते हुए भी महज इसलिए सफल नहीं हो पाता क्योंकि उसके पास डिग्री/डिप्लोमा नहीं रहता है, जबकि भ्रष्टाचार में लिप्त रहते हुए फर्जी प्रमाण पत्र और डिग्रियां बनवाने वाले अभ्यर्थी परीक्षाओं में सफल हो जाते हैं। यह पूर्ववर्ती सरकार की ओर से अयोग्य उम्मीदवारों को मनमाने ढंग से पदस्थ करने की मंशा रखते हुए अनुचित तरीके से लागू किया गया था। उन्होंने की है कि आरओ/एआरओ की आगामी परीक्षा में इस प्रमाणपत्र की अनिवार्यता को समाप्त करते हुए कंप्यूटर की ज्ञान परक परीक्षा पाठ्यक्रम में शामिल करवाई जाए।
आरओ/एआरओ परीक्षा से ‘ओ’ लेवल प्रमाणपत्र की अर्हता समाप्त करने की
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