बीएसए रामसागर पति त्रिपाठी का कहना है कि स्कूलों में डेस्क व बेंच लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। हर जगह से इसका डाटा मांगा गया है।
परिषदीय विद्यालयों के बच्चे भी कान्वेंट स्कूलों की तरह फुल यूनिफार्म में डेस्क व बेंच पर बैठकर पढ़ते दिखेंगे। प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में दरी व टाट के दिन अब जाने वाले हैं। मार्च 2018 तक उनकी जगह डेस्क व बेंच ले लेंगे। इस बदलाव की कवायद बेसिक शिक्षा कार्यालय ने शुरू कर दी है।
प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों के बच्चों को दी जाने वाली सुविधाएं धीरे-धीरे बढ़ रही हैं। यूनिफार्म के साथ बच्चों को जूते-मोजे दिए गए हैं। पर, पूरे यूनिफार्म में उन्हें कक्षाओं में जमीन पर दरी या टाट बिछाकर बैठने को मजबूर होना पड़ता है। जिस दरी पर वे बैठते हैं, उनके जूते से वह गंदी भी हो जाती है। इस समस्या का हल निकालने के लिए बच्चे जूते निकालकर दरी पर बैठते हैं लेकिन स्कूल समय तक जमीन पर बैठे रहने से उन्हें शरीर में दर्द भी होने लगता है। बच्चों को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए गोरखपुर बेसिक शिक्षा कार्यालय ने पहल की है।
समाज के सहयोग से दूर होगी बच्चों की समस्या: परिषदीय विद्यालयों के बच्चों की समस्या को दूर करने के लिए समाज के प्रतिष्ठित लोगों का सहयोग लिया जाएगा। बेसिक शिक्षा अधिकारी के स्तर से ग्राम प्रधान स्तर तक संपर्क किया जा रहा है और उनसे स्कूलों में बेंच व डेस्क मुहैया कराने की अपील की जा रही है। अलग-अलग कार्यक्रमों से उन्हें इस मुहिम से जोड़ा जा रहा है। डेस्क व बेंच लगाने के कार्य को गति मिलने के साथ ही सभी बीईओ से डेस्क बेंच विहीन स्कूलों का आंकड़ा मांगा गया है। जनपद में 2150 प्राथमिक तथा 834 उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं। शिक्षा विभाग के लोगों ने बताया कि तो मार्च 2018 तक विद्यालय में डेस्क व बेंच लग जाएंगे।
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