चेहरा अच्छा हो या बुरा, आइना असलियत खोल ही देता है। ऐसे ही अब स्कूलों का असली ‘चेहरा’ दिखाने का काम करेगा मोबाइल एप। दरअसल स्कूलों में अधिकारी के आने की जानकारी प्रधानाध्यापकों को पहले से ही मिल जाती है, जिससे वह समय रहते स्कूलों को व्यवस्थित कर लेते हैं लेकिन अब उनके स्कूलों की स्थिति एप पर दिखाई देगी। रोजाना एक से दूसरे स्कूल जा रहे न्याय पंचायत समन्वयक स्कूलों की स्थिति के फोटो तथा निरीक्षण आख्या एप पर अपलोड करेंगे, जिसके माध्यम से उच्चाधिकारियों को स्कूलों की वास्तविक स्थिति की जानकारी हो जाएगी। इस एप को शिक्षा विभाग ने यूनिसेफ की मदद से तैयार किया है।1परिषदीय विद्यालयों की स्थिति में सुधार लाने के लिए सरकार काफी प्रयासरत है। सरकार की मंशा है कि गरीब बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके। इसी के तहत शिक्षा विभाग के अधिकारियों को स्कूलों का मासिक निरीक्षण किए जाने के निर्देश देते हुए लक्ष्य भी दिया गया था। इसमें अधिकारियों को निरीक्षण आख्या रिपोर्ट ऑनलाइन शासन को भेजनी थी लेकिन यह सफल नहीं हो पा रही है। अब यूनिसेफ की मदद से मोबाइल एप तैयारी किया गया है।
विभाग द्वारा न्याय पंचायत स्तर पर रखे गए एनपीआरसी रोजाना स्कूलों का भ्रमण करते हैं। उनकी जिम्मेदारी स्कूलों से सूचनाएं लेने की भी है। एनपीआरसी को अब नई जिम्मेदारी दी गई है। वे स्कूलों में निरीक्षण के दौरान मोबाइल एप पर स्कूल की स्थिति का फोटो अपलोड करेंगे, साथ ही आख्या भी देंगे, जिससे उच्चाधिकारियों को स्कूलों की स्थिति की जानकारी समय-समय पर हो सकेगी। इसके अलावा निरीक्षण के लिए गए अधिकारियों को भी एप पर आख्या रिपोर्ट देनी होगी। इस संबंध में बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेंद्र बहादुर ने आदेश जारी किए हैं।’
निरीक्षण के दौरान एनपीआरसी अपलोड करेंगे फोटो व आख्याबेसिक शिक्षा निदेशक का आदेश प्राप्त हो गया है। अभी एनपीआरसी व शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारियों को एप चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके बाद ही कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
-डॉ. सत्यनारायण, बेसिक शिक्षाधिकारी, सम्भल।
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