जहां केंद्र सरकार स्वच्छता अभियान को प्रमुखता से ले रही है और शहर हो या गांव खुले में शौच को पूरी तरह से रोकने के साथ ही हर घर में शौचालय का निर्माण कराने की भरपूर कोशिश कर रही है, वहीं कुछ सरकारी संस्थाएं ही इस ओर से लापरवाह बनी हुई हैं।
जनपद के परिषदीय स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों पर बने शौचालयों की स्थिति जर्जर है। शौचालयों की नियमित सफाई न होने से इस्तेमाल के लायक नहीं रह गए हैं। इससे छात्रों में बीमारियां फैलने का खतरा बना हुआ है। इसे देखते हुए जिला पंचायत राज विभाग ने इनकी हालत सुधारने का फैसला लिया है। शौचालयों की मरम्मत कराई जाएगी और वॉश बेसिन बनाए जाएंगे। स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों के लिए शौचालय बनवाए गए हैं, लेकिन देखरेख के अभाव में शौचालयों की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। ऐसे में छात्र व शिक्षकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। शौचालयों की स्थिति अफसरों से भी नहीं छिपी है। क्योंकि स्कूलों में लगातार अधिकारियों के दौरे होते रहते हैं। अब जिला पंचायत राज विभाग ने शौचालय की स्थिति सुधारने का फैसला लिया है। स्वच्छ मिशन के जिला समन्वय राकेश कुमार ने बताया कि स्कूलों में सफाई और शौचालयों की जल्द ही बेहतर व्यवस्था होगी। इसके लिए चालीस बच्चों पर एक शौचालय और एक पानी की टोटी रहेगी। पानी के लिए टैंक भी रखा जाएगा। यही नहीं छात्रों को किसी प्रकार की असुविधा न हो इसके लिए शौचालयों की नियमित सफाई की जिम्मदारी विद्यालय प्रशासन को दी जाएगी।
जिला पंचायत राज अधिकारी डॉ. शरनजीत कौर ने बताया कि स्वच्छ मिशन के तहत जिलेभर में बड़े पैमाने पर शौचालयों का निर्माण कराया जा रहा है। स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्रों में भी शीघ्र ही साफ शौचालय उपलब्ध होंगे।
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