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Wednesday, November 29, 2017

रामपुर : बरामदे में चल रहा है सरकारी स्कूल, कमरों पर मकान मालिक का कब्जा

क्षेत्र में एक सरकारी स्कूल ऐसा भी है जो किराए के भवन में चल रहा है, लेकिन इसके कमरों में मकान मालिक का कब्जा है। सिर्फ बरामदे में ही स्कूल चल रहा है। कमरे के आगे बरामदे में बच्चों को पढ़ाया जाता है। कमरे में मकान मालिक का बिस्तर और चारपाई पड़ी है। इसके बगल में बने कमरे में भूसा भरा है।

टांडा तहसील के अंतर्गत काशीपुर मार्ग पर ग्राम पंचायत रामपुर धम्मन गांव है। यह दो गांव से मिलकर बना है। रामपुर धम्मन तथा मोहब्बतनगर गांव रामपुर धम्मन में कुल एक हजार वोटर हैं। मोहब्बतनगर में पांच सौ वोटर हैं। गांव की रामपुर धम्मन से दूरी लगभग एक किमी है। इसमें लगभग एक दशक पूर्व ग्रामीणों की मांग पर प्राथमिक विद्यालय को मंजूरी मिली थी, जिसकी मंजूरी के बाद लोगों में खुशी का ठिकाना न था। स्कूल के नाम लगभग एक बीघा जमीन ग्राम पंचायत ने दी थी, जिसमें विभाग ने वर्ष 2006 में भवन निर्माण का कार्य शुरू किया था, लेकिन एक ग्रामीण ने स्कूल को अपने खेत में बनाने की बात कहकर कोर्ट में वाद दायर कर दिया। इसके बाद स्कूल का निर्माण अधर में लटक गया। तक से अब तक स्कूल में अध्यापक किराए के भवन में बच्चों को पढ़ा रहे हैं। इंचार्ज प्रधानाध्यापक वीर सिंह तथा अध्यापिका शिक्षामित्र गुलशन जहां तैनात हैं। स्कूल में 60 बच्चे पंजीकृत हैं, हालांकि मंगलवार को स्कूल में 30 बच्चे ही उपस्थित थे, जिनको खाने में दाल-चावल भी खिलाया गया। कमरे के आगे बरामदे में बच्चे पढ़ रहे थे। बरामदे के अंदर कमरे में मकान मालिक का सामान पड़ा है तथा बराबर वाले कमरे में भूसा भरा है। बच्चे पढ़ाने वाले स्थान पर भी गंदगी भरा माहौल है।

ऐसे में यह स्वच्छता अभियान की भी पोल खोल रहा है, परन्तु शिकायत के बाद भी बच्चों को स्कूल भवन नसीब नहीं हो रहा है, जिससे ऐसे माहौल में ही बच्चे शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं। इंचार्ज प्रधानाध्यापक का कहना है कि बरामदे के बदले मकान मालिक को 1500 रुपये माहवार दे रहे हैं।

ग्राम प्रधान नूरहसन का कहना है कि इस स्कूल के नाम लगभग एक बीघा जमीन दर्ज है, परन्तु कुछ लोगों ने उस पर कब्जा कर रखा है। उधर स्वार खंड शिक्षाधिकारी का कहना है कि गांव में प्राथमिक विद्यालय के लिए खाते में धनराशि भी जमा है, परन्तु कम है। यह भवन निर्माण कार्य के लिए पर्याप्त नहीं है। धनराशि स्वीकृति के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। धनराशि मिलने के बाद भवन निर्माण कराया जाएगा।किराए के भवन में बच्चों

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