इलाहाबाद : यूपी बोर्ड की 2018 की परीक्षा में वैसे स्वकेंद्र प्रणाली खत्म हो गई है, लेकिन जो कालेज परीक्षा केंद्र बनेंगे उनके यहां की हाईस्कूल व इंटर की छात्रओं को अपने कालेज में ही परीक्षा देने का मौका मिलेगा। यह जरूर है कि छात्रों को दूसरे कालेजों तक दौड़ लगानी होगी। यही नहीं जिन कालेजों में 100 या उससे अधिक छात्रएं परीक्षार्थी होंगी, शासन की मंशा है कि उन्हें भी केंद्र बनने का मौका मिले, ताकि छात्रओं को अनायास भागदौड़ न करनी पड़े।
माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा 2018 को लेकर शासन खासा सख्त है, लेकिन बालिकाओं को राहत दिलाने में भी कोई कसर नहीं रखी जा रही है। बशर्ते परीक्षा में नकल न होने पाए। पिछले माह जारी परीक्षा नीति में यह स्पष्ट उल्लेख है कि जिन कालेजों को परीक्षा केंद्र बनाया जाएगा वहां की छात्रओं को उसी स्कूल में परीक्षा देने की सुविधा दी जाएगी। यदि संबंधित कालेज परीक्षा केंद्र नहीं बनता है तो वहां की छात्रओं को अधिकतम पांच किलोमीटर की दूरी पर दूसरा केंद्र मिले। शासन ने छात्रओं को तो राहत दी है, लेकिन छात्रों को कोई सुविधा नहीं मिलेगी, उन्हें दूसरे कालेजों में परीक्षा देनी ही होगी।
ऐसे में तैयारी है कि जिन कालेजों में 100 या अधिक छात्रएं परीक्षार्थी के रूप में पंजीकृत हैं, संभव है कि उन्हें परीक्षा केंद्र बनने का मौका मिलेगा। इसमें शर्त यह है कि कालेज की छवि साफ-सुथरी होनी चाहिए और परीक्षा नीति के मुताबिक वहां पर भरपूर संसाधन भी उपलब्ध हों। ऐसे ही परीक्षा नीति में दिव्यांग छात्र या फिर छात्रओं को भी राहत दी गई है। कहा गया है कि यदि उनका विद्यालय परीक्षा केंद्र बनता है तो वह अपने कालेज में ही परीक्षा दे सकेंगे।
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