इलाहाबाद : परीक्षा केंद्र निर्धारण में जिला विद्यालय निरीक्षकों की मनमानी की खबर दैनिक जागरण में शनिवार के अंक में ‘परीक्षा केंद्रों की मलाई, शिक्षा माफिया ने खाई’ शीर्षक से प्रकाशित होते ही यूपी बोर्ड मुख्यालय में हलचल मच गई है। बोर्ड की किरकिरी होते देख सचिव नीना श्रीवास्तव ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को आपत्तियों के निस्तारण संबंधी निर्देश भेजा है, जिसमें उन्होंने खुद ही उनकी कार्यशैली पर नाराजगी जताई। कहा है कि जिला विद्यालय निरीक्षकों की शिथिलता और गैर जिम्मेदारीपूर्ण कार्यवाही से जनमानस में परिषद की छवि धूमिल हो रही है।
सूबे में जिस तरह से परीक्षा केंद्र निर्धारण में जिला विद्यालय निरीक्षकों ने ‘खेल’ किया उससे न केवल देश की सबसे बड़ी परीक्षा संस्था उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की साख पर बट्टा लगा है बल्कि इससे नकल विहीन परीक्षा कराने की योगी सरकार की मंशा पर भी कुठाराघात हुआ है। र बोर्ड सचिव ने जारी किए पत्र में कहा है कि इससे बोर्ड की छवि धूमिल हो रही है। परीक्षा केंद्रों का समग्र निर्धारण केवल और केवल प्रधानाचार्यो की ओर से विद्यालयों के संबंध में अपलोड की गई और जिला विद्यालय निरीक्षकों की ओर से प्रमाणित की गई आधारभूत सूचनाओं के आधार पर ही केंद्र निर्धारण नीति के अनुसार निरपेक्ष रूप से एक कंप्यूटर साफ्टवेयर से तैयार कराया गया है। इसमें कहीं-कहीं जो भी त्रुटियां/विसंगतियां प्रकाश में आई हैं वह जिलों की ओर से उपलब्ध कराई गई त्रुटिपूर्ण अंकित सूचनाओं जिनका निवारण जिला विद्यालय निरीक्षकों की ओर से समय के अंतर्गत नहीं कराया गया, उसी के चलते त्रुटियां प्रकाश में आ रही हैं।
उधर जिस तरह से परीक्षा केंद्र निर्धारण में लापरवाही हुई है वह कहीं न कहीं भारी धन उगाही की ओर भी इशारा कर रही है जो कि जांच का विषय है, जबकि बोर्ड सचिव नीना श्रीवास्तव के कड़े शब्दों में भेजे गए पत्र ने इस बात को भी जाहिर कर दिया है कि जल्द ही सूबे में कई जिला विद्यालय निरीक्षकों पर कार्रवाई तय है।
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