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Thursday, November 30, 2017

रामपुर : विद्या के मंदिर को चमका रहीं चेतना, आकर्षित कर रहा इमरता का प्राथमिक विद्यालय भवन, विभाग से नहीं मिलती सहायता

सैदनगर ब्लाक के इमरता प्राथमिक विद्यालय में तैनात शिक्षिका चेतना सिंह ने अपने निजी प्रयास से ही विद्या के मंदिर को चमका रही हैं। उनके स्कूल के हरे-भरे परिसर को देखकर लगता है कि किसी बगीचे की सैर कर रहे हैं। विद्यालय का आकर्षक भवन बच्चों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। यह तब है जबकि विभाग से इस कार्य के लिए कोई सहायता नहीं मिलती है।

विद्यालय रख-रखाव के लिए जो अनुरक्षण अनुदान मिलता है, उससे तो महंगाई के दौर में ठीक से पुताई भी नहीं हो पाती। चालू वर्ष भी आधे से ज्यादा बीतने को है, लेकिन अभी तक अनुदान की राशि नहीं मिल सकी है। बावजूद इसके स्कूल में तैनात शिक्षिकाएं अपने निजी संसाधनों एवं प्रयास से ही विद्या के इस मंदिर को चमकाने में लगी हैं। इस विद्यालय में चेतना सिंह की तैनाती सन 2015 में प्रधानाध्यापक के पद पर हुई थी। तैनाती के समय स्कूल की हालत अच्छी नहीं थी, जबकि वह अपने विद्यालय को बच्चों के लिए आकर्षक बनाना चाहती थी, लेकिन संसाधनों का अभाव था। विद्यालय को कैसे संवारा और सजाया जाए। इसी जुस्तजू में एक साल बीत गया। इसी दौरान स्वार ब्लाक में खंड शिक्षाधिकारी सिद्दीक अहमद द्वारा शैक्षिक संवर्धन एवं नवाचार कार्यक्रम चलाया जा रहा था। यह कार्यक्रम इतना सफल रहा कि देखते ही देखते ब्लॉक के 100 से ज्यादा प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों का कायाकल्प हो गया। इतना ही नहीं इस कार्यक्रम के माध्यम से विद्यालयों का भौतिक वातावरण में अपेक्षा से अधिक सुधार हुआ। साथ में बच्चों की उपस्थिति भी बढ़ी। शिक्षकों पर इस कार्यक्रम का इतना प्रभाव पड़ा कि वह शिक्षण में नवाचार और गतिविधियों का प्रयोग करने लगे। इस कार्यक्रम में बच्चों ने भी खूब रुचि ली। इस कार्यक्रम ने चेतना सिंह में एक नई चेतना और स्फूर्ति भर दी। अपने साथी शिक्षकों से मंशा जाहिर की, जिस पर सहायक अध्यापिका उजमा और शहनाज ने विद्यालय के सौंदर्यीकरण के लिए तन-मन-धन से सहयोग किया। तीनों मिलकर बिना सरकारी मदद के विद्यालय का कायाकल्प करने में लग गए। इसका नतीजा यह हुआ कि वर्तमान में विद्यालय के साफ-सुथरे कक्षा-कक्ष, खूबसूरत बरामदा, स्वच्छ व हरा-भरा विद्यालय का परिसर अनायास ही अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। इसका स्वच्छ और सुंदर शौचालय प्रधानमंत्री के सपनों को साकार कर रहा है। दीवारों पर बने सुंदर-सुंदर चित्र व शिक्षण सहायक सामग्री बच्चों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हैं। विद्यालय में वर्तमान में छात्र संख्या 162 हैं, जो विगत वर्षों से कहीं ज्यादा है। विद्यालय में शिक्षण कार्य गतिविधियों एवं नवाचार के द्वारा किया जाता है। 1इसका परिणाम यह हुआ कि बच्चों की उपस्थिति के साथ ही शैक्षिक गुणवत्ता में निरंतर सुधार हो रहा है। इसका श्रेय विद्यालय में तैनात शिक्षिकाओं को जाता है, जिन्होंने अपने निरंतर और अथक प्रयास से विद्यालय को चमकाया है। उनके इस जज्बे की ग्रामीण समेत अधिकारी भी सराहना कर चुके हैं। किसी ने क्या खूब कहा है, जहां चाह होती है, वहां राह खुद व खुद निकल आती है।

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