परिषदीय स्कूल को नए लुक में लाने के लिए जिला अधिकारी कुमार प्रशांत ने एक प्रारंभ की है। उन्होंने राज्य वित्त की पूंजी से परिषदीय स्कूलों के अनुरक्षण की अनुमति देने के साथ इन स्कूलों को बाउड्रीवाल, शौचालय, शौचालय में पानी टंकी, स्कूल भवन के फर्श आदि से सुसज्जित करने का अधिकार पंचायतों को सौंपा है। जिला अधिकारी की पहल पर पंचायत राज विभाग ने 98 स्कूलों में निर्माण का काम प्रारंभ कराकर अभियान को गति दी है। 1जिले भर में 630 परिषदीय स्कूल ऐसे हैं जहां बाउंड्री नहीं है। डीएम ने इन स्कूलों के लिए बाउंड्रीवाल बनाने की अनुमति दी है। ग्राम पंचायतों को यह भी अधिकार है कि वह अपनी ग्राम सभा में प्राप्त धनराशि के आधार पर स्कूलों की अन्य सुविधाओं को भी बेहतर करें। जिला पंचायत राज अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में 460 स्कूलों में बाउंड्रीवाल की नाप करायी जा चुकी है। जबकि सवा सौ स्कूल ऐसे है जहां विद्यालय की भूमि नाप कर अलग करने के लिए एसडीएम को पत्र लिखा गया है। उन्होंने बताया कि जिले भर के 98 स्कूलों में बाउंड्रीवाल व टाइल्स लगाने का काम प्रारंभ है। यह वह स्कूल हैं जहां पेयजल, शौचालय, शौचालय में पानी की टंकी की व्यवस्था पहले से है। एक बार फर्श व शिक्षक कक्ष कक्षा में टाइल्स आदि लगने के बाद इन स्कूलों को माडल स्कूल का दर्जा दिया जाएगा। शनिवार को उन्होंने परिषदीय स्कूल सौंरा में जाकर टाइल्स लगाने के काम को देखा।ढकौली न्याय पंचायत के विद्यालय भवन में निर्माणाधीन बाउंड्री वाल’ जागरणसौंरा गांव में परिषदीय स्कूल की तैयार की गई टाइल्सयुक्त फर्श’ जागरणगुणवत्ता पर विशेष नजर 1जिला पंचायत राज अधिकारी ने स्कूलों में हो रही बाउंड्रीवाल निर्माण व टाइल्स लगाने के काम को गुणवत्ता के कसौटी में भी कसा है। उन्होंने ग्राम पंचायत के काम पर एडीएम पंचायत व कई डीसी को जिम्मेदारी दी है कि वह जब भी अपने अपने क्षेत्र में भ्रमण के लिए जाए तो काम की गुणवत्ता को जरूर देंगे। कही भी निर्माण में खामी बरती जाती है तो कोई भी इसकी शिकायत उन्हें सीधे कर सकता है।
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