छात्रों की फिटनेस के लिए स्कूलों में अब रोजाना एक घंटे का व्यायाम होगा। फिलहाल इसकी शुरुआत केंद्रीय विद्यालयों से होगी। जहां छात्रों को प्रतिदिन अनिवार्य रूप से योग सहित शारीरिक फिटनेस से जुड़े सभी तरह के व्यायाम कराए जाएंगे। मानव संसाधन विकास मंत्रलय के निर्देश के बाद केंद्रीय स्कूलों ने इसे लेकर तैयारी शुरू कर दी है। मंत्रलय का मानना है कि छात्रों की फिटनेस ठीक होने से उनकी पढ़ाई के स्तर में भी सुधार आएगा। अगले हफ्ते से ट्रायल के तौर पर इसे कुछ चुनिंदा स्कूलों से शुरू करने की तैयारी है। बाद में इसे बाकी स्कूलों में भी विस्तार दिया जाएगा। 1स्कूलों में रोजाना एक घंटे व्यायाम कराने की यह निर्देश मंत्रलय ने पिछले दिनों शिक्षा के स्तर में सुधार को लेकर आयोजित चिंतन शिविर में आए सुझावों के बाद दिए थे। इस दौरान स्कूलों में छात्रों की फिटनेस को ठीक करने के लिए शारीरिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए सुझाव दिए गए थे। इस चिंतन शिविर में शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े देश भर के सैकड़ों शिक्षाविद् और अधिकारी मौजूद थे। मानव संसाधन विकास मंत्रलय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक केंद्रीय विद्यालयों में अमल के बाद राज्यों को भी इसके अमल के लिए कहा जाएगा। जो अपने स्कूलों में इसे अनिवार्य रूप से लागू कर सकते है। मंत्रलय के मुताबिक चिंतन शिविर मे जुटे शिक्षाविदों का कहना था कि छात्र तभी अच्छा परफार्म और वह सब कुछ सीख सकते है, जब वह स्वस्थ रहेंगे। वैसे भी प्राचीन शिक्षा पद्धति में कहा गया है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वच्छ मन और बुद्धि निवास करता है। छात्रों के बौद्धिक विकास को लेकर मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने राष्ट्रीय स्तर पर चिंतन शिविर का आयोजन छह और सात नवंबर को किया था।
इस शिविर में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने भी हिस्सा लिया था। स्कूली शिक्षा में सुधार को लेकर मानव संसाधन विकास मंत्रलय पहले से ही डिजिटल शिक्षा, लर्निग आउट कम जैसी कई योजनाओं पर काम कर रहा है। छात्रों के फिजिकल फिटनेस को लेकर स्कूली स्तर फिलहाल यह अपनी तरह की अनूठी पहल होगी।जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली : छात्रों की फिटनेस के लिए स्कूलों में अब रोजाना एक घंटे का व्यायाम होगा। फिलहाल इसकी शुरुआत केंद्रीय विद्यालयों से होगी। जहां छात्रों को प्रतिदिन अनिवार्य रूप से योग सहित शारीरिक फिटनेस से जुड़े सभी तरह के व्यायाम कराए जाएंगे। मानव संसाधन विकास मंत्रलय के निर्देश के बाद केंद्रीय स्कूलों ने इसे लेकर तैयारी शुरू कर दी है। मंत्रलय का मानना है कि छात्रों की फिटनेस ठीक होने से उनकी पढ़ाई के स्तर में भी सुधार आएगा। अगले हफ्ते से ट्रायल के तौर पर इसे कुछ चुनिंदा स्कूलों से शुरू करने की तैयारी है। बाद में इसे बाकी स्कूलों में भी विस्तार दिया जाएगा।
स्कूलों में रोजाना एक घंटे व्यायाम कराने की यह निर्देश मंत्रलय ने पिछले दिनों शिक्षा के स्तर में सुधार को लेकर आयोजित चिंतन शिविर में आए सुझावों के बाद दिए थे। इस दौरान स्कूलों में छात्रों की फिटनेस को ठीक करने के लिए शारीरिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए सुझाव दिए गए थे। इस चिंतन शिविर में शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े देश भर के सैकड़ों शिक्षाविद् और अधिकारी मौजूद थे। मानव संसाधन विकास मंत्रलय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक केंद्रीय विद्यालयों में अमल के बाद राज्यों को भी इसके अमल के लिए कहा जाएगा। जो अपने स्कूलों में इसे अनिवार्य रूप से लागू कर सकते है। मंत्रलय के मुताबिक चिंतन शिविर मे जुटे शिक्षाविदों का कहना था कि छात्र तभी अच्छा परफार्म और वह सब कुछ सीख सकते है, जब वह स्वस्थ रहेंगे। वैसे भी प्राचीन शिक्षा पद्धति में कहा गया है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वच्छ मन और बुद्धि निवास करता है। छात्रों के बौद्धिक विकास को लेकर मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने राष्ट्रीय स्तर पर चिंतन शिविर का आयोजन छह और सात नवंबर को किया था। इस शिविर में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने भी हिस्सा लिया था। स्कूली शिक्षा में सुधार को लेकर मानव संसाधन विकास मंत्रलय पहले से ही डिजिटल शिक्षा, लर्निग आउट कम जैसी कई योजनाओं पर काम कर रहा है। छात्रों के फिजिकल फिटनेस को लेकर स्कूली स्तर फिलहाल यह अपनी तरह की अनूठी पहल होगी।
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