धीरे-धीरे बेहतरी की ओर कदम बढ़ा रहे उप्र लोक सेवा आयोग की चाल इन दिनों उल्टी हो गई है। पीसीएस (प्रारंभिक) परीक्षा 2017 की उत्तरकुंजी डेढ़ महीने में भी आयोग जारी नहीं कर सका और उत्तर पुस्तिकाओं की स्कैनिंग जारी है। उत्तरकुंजी को प्रोसेस में बताकर आयोग ने ढाई लाख अभ्यर्थियों को अधर में रखा है। समस्या यह है कि अपने परिणाम का स्वमूल्यांकन न कर पाने की स्थिति में प्रतियोगी छात्र पीसीएस मुख्य परीक्षा की तैयारी किस मजबूती से करें।
आयोग ने प्रदेश के 21 जिलों में पीसीएस प्री. 2017 परीक्षा 24 सितंबर को कराई थी, जिसमें चार लाख 55 हजार 297 पंजीकृत अभ्यर्थियों के सापेक्ष दो लाख 46 हजार 710 ने परीक्षा दी थी। मंगलवार को इस परीक्षा को पूरे डेढ़ महीने हो गए हैं। इन 45 दिनों में आयोग उत्तरकुंजी तक जारी नहीं कर सका है। अभ्यर्थियों में बेचैनी है कि उत्तरों का मिलान करने के लिए आयोग से अधिकृत उत्तरकुंजी कब तक जारी होगी और स्व मूल्यांकन कैसे करें। हालांकि तमाम ऐसे अभ्यर्थियों ने मूल्यांकन कर भी लिया है जो पहले भी आयोग से होने वाली परीक्षाओं में शामिल हो चुके हैं। नए अभ्यर्थियों को अब भी उत्तरकुंजी की प्रतीक्षा है।
उधर, आयोग में उत्तर पुस्तिकाओं की स्कैनिंग बराबर जारी है। आयोग के सचिव जगदीश का कहना है कि उत्तरकुंजी शीघ्र ही जारी की जाएगी, अभी कापियां स्कैन हो रही हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि परीक्षा परिणाम ही बन जाने से ऐन पहले उत्तरकुंजी जारी करने का क्या औचित्य रह जाएगा।
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