माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड व उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग उप्र के पुनगर्ठन की प्रक्रिया चल रही है। शासन ने इन दोनों आयोगों में अध्यक्ष व सदस्यों के चयन के लिए 16 नवंबर तक आवेदन मांगे थे। इसके लिए आवेदन आए हैं, लेकिन शासन आवेदन की मियाद बढ़ाने की तैयारी में है।
प्रदेश के अशासकीय महाविद्यालय व अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में इन दिनों प्राचार्य, प्रधानाचार्य, प्रवक्ता, असिस्टेंट प्रोफेसर व स्नातक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया ठप है। इसकी वजह दोनों आयोगों में अध्यक्ष व अधिकांश सदस्यों के इस्तीफे से बोर्ड ही नहीं रह गया है। निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले ही शासन ने दोनों आयोगों का विज्ञापन जारी करके आवेदन मांगे थे। इसकी अंतिम तारीख 16 नवंबर तय हुई थी। इस दौरान तमाम आवेदन शिक्षा महकमे में पहुंचे भी हैं, लेकिन सूत्रों की मानें तो मिले आवेदनों को पर्याप्त नहीं माना गया है। ऐसे में आवेदन लेने की समय सीमा और बढ़ाने की तैयारी है। कहा जा रहा है कि जल्द ही इस संबंध में निर्देश जारी हो सकता है। उसके बाद चयन की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।
असल में इधर शिक्षा महकमे के अफसर मातहतों की स्क्रीनिंग में जुटे थे, उनमें से ‘ख’ वर्ग के कई अफसरों की प्रक्रिया पूरी हो गई है, अभी ‘क’ वर्ग की स्क्रीनिंग चल रही है। यह पूरी होने के बाद आयोगों के पुनर्गठन पर एक साथ चर्चा शुरू होगी। अधीनस्थ सेवा आयोग उप्र लखनऊ के लिए पहले ही आवेदन लेने का कार्य पूरा हो चुका है। संभव है कि तीनों आयोग एक साथ संचालित किए जाएं।
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