राजकीय कालेजों में 2012 में नियुक्त एलटी ग्रेड शिक्षकों को चार वर्ष तक बिना अभिलेखों का सत्यापन कराए वेतन भुगतान किया गया है। तत्कालीन शिक्षा निदेशक माध्यमिक अमरनाथ वर्मा ने जब वेतन भुगतान रोककर उनके अभिलेखों के सत्यापन कराकर रिपोर्ट मांगी तब से भर्ती की फाइल गुम है। फाइल किसने गायब की है और इसमें दोषी कौन है इसका पता विभाग अब तक लगा नहीं सका है।
राजकीय कालेजों में सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति के दौरान 2012 में इलाहाबाद मंडल में 50 से अधिक एलटी ग्रेड शिक्षकों का चयन कर उन्हें तैनाती दी गई। नियुक्ति के साथ ही चयनित शिक्षकों को नियमित वेतन भुगतान भी होने लगा। उस समय तक विभागीय अफसरों ने नए शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेखों की जांच नहीं कराई। चार साल बाद अभिलेख सत्यापन के लिए भेजे गए। यूपी बोर्ड के इलाहाबाद क्षेत्रीय कार्यालय में तमाम शिक्षकों के अभिलेखों में हेरफेर मिली। 17 दिसंबर 2016 को क्षेत्रीय कार्यालय के अपर सचिव ने तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक को पत्र भेजकर इससे अवगत कराया। साथ ही प्रकरण की जांच और उचित कार्रवाई करने का निर्देश मांगा गया।
शिक्षा निदेशक ने इलाहाबाद मंडल के चयनित अभ्यर्थियों की पूरी सूची संलग्न करके मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक को निर्देश दिया कि सहायक अध्यापकों का वेतन तत्काल प्रभाव से रोक दिया जाए और जांच समिति बनाकर चयनित शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेखों का सत्यापन एक माह में कराकर अवगत कराया जाए।
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