इलाहाबाद : हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के लाखों छात्रों की परीक्षा कराने से पहले माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड को व्यवस्थाएं बनाने में खुद भी परीक्षा देनी पड़ रही है। केंद्र निर्धारण में ‘खेल’ उजागर होने के बाद जिस तरह से जिला विद्यालय निरीक्षकों की लापरवाही सामने आई और शिक्षा माफिया से साठगांठ के चलते सबकुछ गड़बड़ाया उसके बाद से स्थितियां अनुकूल करने में बोर्ड पूरी ताकत से जुटा है। ऐसी परिस्थिति में परीक्षा केंद्रों में होने वाले बदलाव के बाद परीक्षा को सकुशल संपन्न कराना यूपी बोर्ड की असल कामयाबी होगी।
हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं छह फरवरी, 2018 से शुरू हो रही हैं। इसके लिए नवंबर में परीक्षा केंद्र निर्धारण कर सूची यूपी बोर्ड को भेजी गई। उन पर आपत्तियां आमंत्रित करने से पहले ही केंद्र निर्धारण में जिला विद्यालय निरीक्षकों और शिक्षा माफिया की साठगांठ उजागर हो गई। इसके बाद बोर्ड में हलचल सहित प्रदेश भर में उठे तूफान के चलते देश की सबसे बड़ी परीक्षा संस्था माध्यमिक शिक्षा परिषद की खूब किरकिरी हुई। बोर्ड के लिए परीक्षा की घड़ी तभी से शुरू हो गई। परीक्षा केंद्रों पर सवाल उठते ही बोर्ड की सचिव नीना श्रीवास्तव ने जिला विद्यालय निरीक्षकों को पत्र भेजकर उनके पेंच कसे। जिलाधिकारी के स्तर से भी आपत्तियों की स्क्रीनिंग कर उसकी रिपोर्ट मांगी।
सूत्र बताते हैं कि बोर्ड परीक्षा में नकल के लिए बदनाम विद्यालयों के नाम परीक्षा केंद्र की सूची से कट जाने पर परीक्षा के दिनों में बोर्ड के सामने और भी कठिनाई आ सकती है। ऐसी परिस्थिति में परीक्षा सकुशल संपन्न करा पाना यूपी बोर्ड की बड़ी कामयाबी होगी। बोर्ड सचिव नीना श्रीवास्तव ने कहा कि साठगांठ जैसी कोई बात अभी सामने नहीं आई है, परीक्षा केंद्रों के निर्धारण में कुछ लापरवाही जरूर हुई, जिसमें परीक्षा केंद्र काफी दूर निर्धारित कर दिया जाना प्रमुख रहा। उन्होंने बताया कि आपत्तियां आई हैं, परीक्षा केंद्रों में बदलाव भी होंगे लेकिन, ऐसे मामले ज्यादा संख्या में नहीं हैं। अभी बहुत समय है, व्यवस्थाएं दुरुस्त कर ली जाएंगी और परीक्षाएं भी सकुशल संपन्न होंगी।
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