इलाहाबाद : प्राथमिक शिक्षा में जब तक सुधार नहीं आएगा तब तक उच्च शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने की बात सोचना भी बेईमानी है। यदि प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा का स्तर ठीक हो जाए तो उच्च शिक्षा की दशा और दिशा दोनों सुधर जाएगी। यह उद्गार गुरुवार को राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (नासी) में आयोजित सेमिनार में सांसद डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने व्यक्त किए।
वे भारत में उच्च शिक्षा के सामने चुनौतियां विषयक सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। डॉ. जोशी ने आगे कहा कि आज शिक्षा को एकदम रोजगार से जोड़कर देखा जा रहा है यह गलत है। शिक्षा का उद्देश्य नैतिकता का विकास करना व बच्चों को आध्यात्मिकता के धागे में पिरोना भी है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व आचार्य प्रो. आरपी त्रिपाठी ने मुख्य रूप से उच्च शिक्षा के सामने चुनौतियों की चर्चा की।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के आचार्य रहे प्रो. सीएल खेत्रपाल ने कई संस्थाओं का जिक्र करते हुए कहा कि समय के साथ जब संस्थान अपने आपको विकसित नहीं करते तो उनमें स्थिरता आ जाती है। कार्यक्रम को प्रमुख रूप से नासी के सचिव डॉ. नीरज, प्रो. चांदलाल श्रीवास्तव, एमसी चट्टोपाध्याय आदि ने भी संबोधित किया।
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