प्रमाणपत्रों में संशोधन भी ऑनलाइन यूपी बोर्ड की यह भी तैयारी है कि पुराने मूल प्रमाणपत्रों के साथ ही प्रमाणपत्रों में नाम, पिता का नाम, जन्म तारीख में संशोधन के लिए भी ऑनलाइन आवेदन लिए जाए, इसके लिए आवेदक सीधे बैंक में भुगतान करे। इस दिशा में भी काम चल रहा है। माना जा रहा है नए साल में यह काम शुरू हो सकता है।
प्रदेश सरकार छात्र-छात्रओं व अभिभावकों की यूपी बोर्ड मुख्यालय की दौड़ खत्म कराने की तैयारी में है। बीते वर्षो के अंक व प्रमाणपत्र के लिए वह कार्यालय न आकर घर बैठे ही ऑनलाइन डाउनलोड कर सकें। इसके लिए शासन ने समयबद्ध कार्यक्रम जारी किया था, लेकिन वह पूरा नहीं हो पाया। अब निकाय चुनाव के बाद पांच वर्ष पुराने अंक व प्रमाणपत्र ऑनलाइन दिलाने की तैयारी है। 1प्रदेश सरकार का पारदर्शिता पर विशेष जोर है साथ ही लोगों को रोजमर्रा के कार्यो में भागदौड़ से निजात दिलाने के भी प्रयास किए जा रहे हैं। अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा संजय अग्रवाल ने यूपी बोर्ड में आम लोगों से जुड़े कार्यो को पूरा करने की समयबद्ध सारिणी जारी की है। इसमें निर्देश हुआ है कि मुख्यालय व क्षेत्रीय कार्यालयों पर आम लोग प्रमाणपत्र लेने के लिए धन व समय न खर्च करें, बल्कि यह सुविधा ऑनलाइन दी जाए। निर्देश हुआ कि 30 अगस्त तक ऑनलाइन आवेदन प्रपत्र विकसित किया जाए। वहीं, 30 अक्टूबर तक पिछले तीन वर्षो के अंक व प्रमाणपत्र ऑनलाइन अपलोड हों, लेकिन इस बीच बोर्ड परीक्षा की तैयारियों के कारण यह कार्य पूरा नहीं हो सका। बोर्ड सचिव नीना श्रीवास्तव ने बताया कि तीन जगह पिछले वर्ष का रिकॉर्ड ऑनलाइन अपलोड कराकर शुभारंभ कराने की तैयारी है। 2013 से 2017 तक के रिकॉर्ड अपलोड करने का कार्य अंतिम चरण में हैं। अस्सी से नब्बे फीसद तक का कार्य पूरा हो चुका है। निकाय चुनाव की अधिसूचना खत्म होने के बाद एक समारोह में इस योजना का शुभारंभ कराने की तैयारी है। इसके बाद 10 वर्षो के रिकॉर्ड 26 जनवरी 2018 तक व 1975 से लेकर अब तक के अंक व प्रमाणपत्र 15 अगस्त 2018 तक कराया जाना है। इस दिशा में तेजी से कार्य चल रहा है।
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