टूटा फर्नीचर, गंदी दीवार, गुटखे की पीक आदि। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी में घुसते ही यह नजारा देखने को मिलता था। जो अब पूरी तरह से बदल चुका है। जिलाधिकारी के निर्देश के बाद कार्यालय में हुए सुधार से कार्यालय आने वालों के जहन में अच्छी छवि बनने लगी है। बीएसए कार्यालय किसी प्राइवेट कार्यालय से कम नहीं दिखता। पूरे कार्यालय व कमरों की पुताई की गई है। जमीन पर मैट डाली गई है। कार्यालय के बेकार अभिलेखों को नष्ट किया गया है। कुछ ही समय में बीएसए कार्यालय अन्य सरकारी कार्यालयों के लिए नजीर बन गया है।
जिलाधिकारी ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों की बैठक लेकर कार्यालय का सुधार कराने की बात कही थी। कहा गया था कि साफ कार्यालय में बैठो तो सोच भी अच्छी रहती है और काम भी बेहतर कर सकते हो। जिसके बाद से बीएसए ने कार्यालय में निर्देश जारी किया गया कि सभी अपनी सीट के बेकार अभिलेखों को फेंके और साफ-सफाई कराएं। डीएम कभी भी कार्यालय का निरीक्षण कर सकते हैं। सभी कर्मचारी सफाई अभियान में जुट गए। बीएसए ने रोज कमरों में जाकर सफाई की स्थिति जानी। लगभग सात दिनों में कार्यालय की दशा सुधारने लगी है।
कार्यालय के खुले बिजली के बोर्ड बंद कराए गए हैं। बिजली की रॉड की जगह एलक्ष्डी का प्रयोग होने लगा है। निर्देशानुसार हर कर्मचारी की सीट के पीछे उसके पटल के कार्यों की जानकारी चस्पा की गई है। जिससे कार्यालय आने वाले लोगों को कर्मचारियों के बारे में इधर-उधर पूछने की जरूरत नहीं होगी। कार्यालय के कोने, गेट आदि पर थूकने वालों के अलावा गुटखा व तंबाकू खाने वालों पर जुर्माना डाला जाएगा। यह नियम कार्यालय में काम करने वाले व कार्यालय आने वाले सभी लोगों पर लागू माना जाएगा।बीएसए कार्यालय में डाली गई मैट। देखते ही बन रही सरकारी कार्यालय की सुंदरता।’जिलाधिकारी के फरमान के बाद किए गए बदलाव अन्य विभागों के लिए नजीर बना बीएसए कार्यालयजिलाधिकारी का निर्देश प्राप्त होने के बाद सभी कर्मचारियों को जानकारी दी गई थी। जिसका पूरी तरह पालन हुआ है। कार्यालय में गुटखा, तंबाकू खाकर आने वालों व थूकने वालों से जुर्माना लिया जाएगा। कार्यालय का टूटा फर्नीचर व बेकार अभिलेख नष्ट कराए गए हैं। सफाई व्यवस्था हमेशा बनी रहेगी।- प्रेमचंद यादव, बीएसए
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