उच्च स्तरीय सेवाओं में चयन के लिए प्रदेश की सबसे बड़ी परीक्षा संस्था उप्र लोक सेवा आयोग का विवादों से नाता टूट नहीं पा रहा है। विवाद है अभ्यर्थियों के चयन में धांधली और योग्य उम्मीदवारों की अनदेखी का। प्रदेश सरकार ने सपा शासन के पांच साल में आयोग से हुई भर्तियों की इसीलिए सीबीआइ जांच कराने का आदेश दिया है। इसके बाद भी दलालों की आयोग में घुसपैठ की बात उजागर हो रही है। ताजा मामला लोअर सबऑर्डिनेट परीक्षा पास कराने के नाम पर अभ्यर्थी से 17 लाख रुपये ठगने का सामने आया है।
उप्र लोकसेवा आयोग ने सपा शासन में जितनी भी परीक्षाएं कराकर अभ्यर्थियों का चयन किया उसकी सीबीआइ जांच की तलवार तो लटक ही रही है, बीते दिनों एपीएस-2010 के जारी परीक्षा परिणाम को लेकर भी तमाम अभ्यर्थियों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। वहीं, राज्य विश्वविद्यालयों में कुल सचिव के तीन पदों के लिए पिछले दिनों घोषित परिणाम में एक महिला अभ्यर्थी के चयन को लेकर सवाल उठे। जिस पर प्रतियोगी छात्रों ने आयोग में पत्र देकर इसकी जांच कराने की मांग की। अभी तक कोई जवाब न आने पर इसे भी कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी चल रही है। बुधवार को कौशांबी के करारी क्षेत्र निवासी मुजीब अहमद ने पुलिस कप्तान को पत्र देकर लोअर सबऑर्डिनेट परीक्षा में भतीजे रसीद अहमद को पास कराने के नाम पर 17 लाख रुपये ठग लेने का सनसनीखेज आरोप लगाया।
आयोग की शुचिता पर लगातार उठ रहे सवाल और परीक्षाओं में धांधली की बात पर सचिव जगदीश ने कहा कि लोअर सबऑर्डिनेट के किस रिजल्ट की बात शिकायतकर्ता ने की है अभी यही स्पष्ट नहीं है। ऐसी कोई जानकारी या जांच की बात भी आयोग में नहीं आई है। कहा कि आयोग से परीक्षाएं पारदर्शी तरीके से कराई जा रही हैं।राज्य
No comments:
Write comments