,इलाहाबाद : न्यायिक और प्रादेशिक सेवाओं में युवाओं की भर्ती के लिए तेजी से कदम बढ़ा रहा उप्र लोक सेवा आयोग तकनीकी लिहाज से अन्य संस्थानों के मुकाबले काफी पिछड़ गया है। मोबाइल, कंप्यूटर और इंटरनेट के युग में आयोग से भर्ती परीक्षाओं समेत तमाम अन्य कार्य कागजी तौर पर ही हो रहे हैं। आयोग का तर्क है कि गोपनीयता बरतने के कारण महत्वपूर्ण परीक्षाएं ऑनलाइन नहीं करा सकते लेकिन, कुछ छोटी परीक्षाओं को ऑनलाइन यानी कंप्यूटर आधारित कराने पर मंथन चल रहा है।
परीक्षाओं में संघ लोक सेवा आयोग के तरीके को अपना रहा उप्र लोक सेवा आयोग पेपर वर्क पर ही आधारित है। पीसीएस, पीसीएस (जे.), अभियंत्रण सेवा, कुलसचिव, प्रवक्ता, मुख्य अग्निशमन अधिकारी सहित अन्य सभी परीक्षाएं आयोग अभी लिखित रूप से ही करा रहा है। इसके चलते उत्तर पुस्तिकाओं के परिवहन, स्कैनिंग आदि कार्यो में कई दिन लग जाते हैं। उत्तर पुस्तिकाओं की सुरक्षा का काम भी महत्वपूर्ण हो जाता है। वहीं अन्य आयोग, उच्च शिक्षण संस्थान पूरी तरह से कंप्यूटर आधारित परीक्षाएं ही करा रहे हैं।
करीब साल भर से आयोग ने प्रतियोगी छात्रों तक जरूरी सूचनाएं पहुंचाने के लिए ऑनलाइन काम शुरू किया है, यहां तक कि उत्तर कुंजी भी ऑनलाइन जारी की जा रही है लेकिन, परीक्षा के लिए आवेदन, परीक्षाएं, आपत्तियां आमंत्रित करने का काम हार्ड कापी पर ही हो रहा है। आयोग का तर्क है कि वह महत्वपूर्ण परीक्षाएं कराता है इसलिए गोपनीयता व सुरक्षा के लिहाज से कंप्यूटर आधारित परीक्षाएं नहीं कराई जा सकती हैं। इसके लिए प्रदेश भर में बनाए जाने वाले केंद्रों में संसाधन के अभाव, कंप्यूटर आधारित परीक्षा के लिए भारी भरकम खर्च को भी अहम कारण बताया।
आयोग ने इसके लिए यूपीएससी यानी संघ लोक सेवा आयोग से होने वाली परीक्षाओं का भी हवाला दिया कि वहां भी लिखित परीक्षा ही कराई जाती है।
■ ऑनलाइन परीक्षाओं पर मंथन
आयोग के सचिव जगदीश का कहना है कि कम सीटों पर भर्ती के लिए कई छोटी परीक्षाएं भी कराई जाती हैं, ऐसी परीक्षाओं को ऑनलाइन कराने पर विचार किया जा रहा है। इस पर मंथन करके शासन में प्रस्ताव भेजा जाएगा।
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