कश्मीरी पंडितों ने भारतीय संविधान के आर्टिकल 370 और आर्टिकल 35-ए को अतीत का अनावश्यक बोझ बताया है। विस्थापित कश्मीरी पंडितों का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था पनून कश्मीर के अध्यक्ष अश्विनी कुमार छरंगू ने बुधवार को कहा कि यह कानून भारतीय संविधान के तहत भारतीय नागरिकों को मिले मौलिक अधिकारों का खंडन करते हैं। इन्हें जल्द से जल्द निरस्त कर देना चाहिए। बता दें, आर्टिकल 370 जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देता है जबकि आर्टिकल 35-ए राज्य विधानसभा को स्थायी नागरिक परिभाषित करने की शक्ति देता है।
सभी स्कू्लों को CBSE से मान्यता लेने के लिए कहा जाएगा
No comments:
Write comments