18 शिक्षक-शिक्षिकाओं का एक दिन का वेतन काटने के विरोध में शिक्षक संघ ने आवाज उठानी शुरू कर दी है। बीएसए की इस कार्रवाई के प्रति रोष जताते हुए उन्होंने सदर विधायक से शिकायत की। आरोप है कि निकाय चुनाव ड्यूटी में गए शिक्षकों के खिलाफ बीएसए ने कार्रवाई की है। उन्होंने इस कार्रवाई को निराधार बताया है।
तीन दिन पहले बीएसए डा. अजीत कुमार ने जिले के विभिन्न गांवों में तैनात 18 शिक्षकों का एक दिन का वेतन काटने के आदेश जारी किए थे। आरोप है कि निरीक्षण के दौरान ये शिक्षक गैर हाजिर मिले थे। इसके अलावा उन्होंने पांच शिक्षिकाओं को बिना बताए स्कूल से गायब व स्कूल बंद मिलने के आरोप में निलंबित भी कर दिया था। बीएसए की इस कार्रवाई से उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारियों में रोष व्याप्त है।
रविवार को शिक्षक संघ के पदाधिकारी सदर विधायक वीरेंद्र सिंह सिरोही से मिले। उन्होंने बताया कि जिले के सैकड़ों शिक्षक 28 व 29 नवंबर को निकाय चुनाव की ड्यूटी में गए थे। दूर-दराज के क्षेत्रों में ड्यूटी होने के कारण मतदान के पश्चात बहुत से शिक्षक-शिक्षिकाएं समय से घर नहीं पहुंच सके। कुछ लोगों को यातायात का साधन नहीं मिला तो वह देर रात तक घर पहुंच सके। 30 नवंबर को अवकाश को लेकर भ्रम की स्थिति बनी रही। इस बाबत बीएसए से भी फोन पर जानकारी ली। कुल मिलाकर बहुत से शिक्षक 30 नवंबर को विद्यालय नहीं पहुंच सके। उन्होंने संकूल प्रभारियों को सूचना देकर उनके अवकाश को आकस्मिक अवकाश में परिवर्तित करने की सहमति व्यक्त की। आरोप है कि बीएसए ने बिना निरीक्षण किए ही खंड शिक्षा अधिकारी केएल वर्मा से जांच कराई और 18 शिक्षक-शिक्षिकाओं के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनका एक दिन का वेतन काटने के आदेश जारी कर दिए। पांच को निलंबित कर दिया। इस कार्रवाई से पहले बीएसए ने किसी भी शिक्षक से स्पष्टीकरण भी नहीं मांगा। शिक्षकों ने बीएसए द्वारा की कई कार्रवाई को निरस्त कराने की मांग की है। विधायक ने बीएसए से बात कर समस्या के समाधान का आश्वासन दिया है। संघ जिला अध्यक्ष पंकज कुमार गुप्ता, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनीता त्यागी, कौशल किशोर, बाबू सिंह, पूनम, सुमन, सरिता, सतीश, संजीव गौड़, देवेंद्र, सुनीता, कपिल, शहनाज व रजनी आदि विशेष रूप से मौजूद रहे
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