केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) संबद्ध स्कूलों के बच्चे अब एक विषय मूल्य शिक्षा का पढ़ेंगे। इसके लिए सीबीएसई ने रामकृष्ण मिशन के सहयोग से एक तीन वर्षीय पाठ्यक्रम तैयार किया है। हालांकि पाठ्यक्रम वैकल्पिक है, लेकिन इसे लागू करने वाले स्कूलों को वर्ष में 16 कक्षाएं लगानी होंगी।
सीबीएसई की तरफ से संबद्ध स्कूलों को जारी परिपत्र में कहा गया है कि यह पाठ्यक्रम छात्रों की क्षमता को परखकर और उनकी अनंत शक्ति व भलाई का सदुपयोग कर उन्हें प्रबुद्ध नागरिक बनने का मार्ग प्रदान करता है। इस ग्रेड आधारित पाठ्यक्रम को 6 से 8 अथवा 7 से 9वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए लागू किया जा सकता है। परिपत्र में कहा गया है कि इस पाठ्यक्रम में वैश्विक परिपेक्ष्य के विभिन्न मूल्यों को विकसित किया गया है। यह पाठ्यक्रम विद्यार्थियों व शिक्षकों के लिए वैकल्पिक है। अगर स्कूल इसे लागू करते हैं तो राम कृष्ण मिशन पाठ्यक्रम की विषयवस्तु के साथ ही शिक्षकों को प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराएगा।
सीबीएसई का कहना है कि सौहार्द, शांति, दया और मानवता जैसे मूल्य शताब्दियों से समाज के लिए अहम रहे हैं और आज भी उनकी आवश्यकता सार्वजनिक तौर समझी और महसूस की जाती है। पाठ्यक्रम इन्हीं आवश्यकताओं की पूर्ति करता है।
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