मानवता, दया, सामंजस्य और शांति को दुनिया भर में सराहना मिलती है। इन्हीं मूल्यों से दूर होती नई पीढ़ी के लिए सीबीएसई नया पाठ्यक्रम लागू कर रही है, जिससे बच्चों को पारंपरिक मूल्यों का पाठ पढ़ाया जा सके। सीबीएसई के लिए रामकृष्ण मिशन दिल्ली की ओर से ‘अवेकेंड सिटिजन प्रोग्राम’ नामक पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। यह पाठ्यक्रम स्कूलों में तीन साल तक के लिए लिया जा सकता है। इसे कक्षा छह से आठ तक या सातवीं से नौवीं कक्षा तक पढ़ाए जाने का प्रावधान है।
दुनिया भर की अच्छी बातें इस पाठ्यक्रम में सामाजिक मूल्यों को समाहित किया गया है। जिससे बच्चे अपने देश की परंपरा व संस्कृति से जुड़ने के साथ ही दुनिया की तमाम अच्छी बातों से रूबरू हो सकते हैं। जो स्कूल अपने पाठ्यक्रम में इस विषय को लागू करना चाहते हैं वहां के शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जाएगी। यह ट्रेनिंग रामकृष्ण मिशन के रिसोर्स पर्सन कराएंगे। ट्रेनिंग के बाद वही शिक्षक बच्चों को पाठ्यक्रम पढ़ाएंगे।
तीन साल चलेगा कोर्स स्कूलों में यह पाठ्यक्रम तीन वर्ष के लिए डिजाइन किया गया है। एक साल में 16 कक्षाएं संचालित की जानी है। इस तरह तीन वर्ष में 48 कक्षाएं चलेंगी जिसमें इस पाठ्यक्रम के सिलेबस को पूरा किया जाएगा। इस दौरान बच्चों को केवल किताबी ज्ञान नहीं बल्कि उसमें निहित मूल्यों को उनके जीवन में उतारने की प्रेरणा भी दी जाएगी जिससे इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य सफल हो सके। इस पाठ्यक्रम को वोकेशनल विषय के तौर पर लागू करने के लिए स्कूल अपना रजिस्ट्रेशन रामकृष्ण मिशन से करा सकते हैं।
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