■ पेटेंट कराने में बांबे, दिल्ली और इंदौर आइआइटी चमके
नई दिल्ली : उच्च शिक्षण संस्थानों के विश्वस्तरीय बनने की राह में अब पेटेंट की भूमिका बेहद अहम होगी। इसका अंदाजा इन संस्थानों के बीच पेटेंट को लेकर मची होड़ से लगाया जा सकता है, जिसमें अब तक पिछड़े कई संस्थानों ने अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है। कुछ संस्थानों का ग्राफ गिरा भी है। पेटेंट को लेकर हाल ही में सामने आई में बांबे, दिल्ली, बेंगलुरु और इंदौर आइआइटी में पेटेंट दर्ज कराने का ग्राफ पिछले सालों के मुकाबले बढ़ा है, जबकि आइआइटी कानपुर इस दौड़ में पिछड़ गया है। इसका ग्राफ पिछले साल के मुकाबले गिरा है।
देशभर के उच्च शिक्षण संस्थानों द्वारा दर्ज कराए जाने वाले पेटेंट के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2016-17 में इस दौड़ में आइआइटी बांबे शीर्ष पर रहा है। इस संस्थान ने अकेले 146 पेटेंट दर्ज कराए हैं। पेटेंट में अब तक देश में सबसे टॉप पर आइआइटी मद्रास का नाम आता था, लेकिन बांबे ने इस साल उसे पछाड़ दिया है। इसके अलावा देश में जिन संस्थानों के पेटेंट का ग्राफ बढ़ा है, उनमें आइआइटी दिल्ली और बेंगलुरु ने सबसे अच्छी बढ़त दर्ज की है। इसके अलावा आइआइटी इंदौर, गुवाहाटी, हैदराबाद और एनआइटी कालीकट का भी पेंटेंट का ग्राफ बढ़ा है।
मानव संसाधन विकास मंत्रलय की ओर से जारी इस में देश भर के 46 संस्थानों को शामिल किया गया है। के मुताबिक, देशभर में वर्ष 2016-17 में कुल 563 पेटेंट दर्ज कराए गए हैं, जबकि वर्ष 2015-16 में इसकी संख्या 509 और वर्ष 2014-15 में कुल 494 पेटेंट दर्ज हुए थे। के अनुसार, वर्ष 2016-17 में आइआइटी इंदौर ने कुल 14 पेटेंट दर्ज कराए हैं, जबकि वर्ष 2015-16 में इसकी संख्या मात्र चार थी। इससे पहले यानि वर्ष 2014-15 में इंदौर ने एक भी पेटेंट दर्ज नहीं कराया था।
■ आइआइटी समेत देशभर के उच्च शिक्षण संस्थानों के पेटेंट के आंकड़े जारी
■ वर्षो से शीर्ष पर बना आइआइटी मद्रास दूसरे नंबर पर आया, कानपुर का ग्राफ भी गिरा
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