जनपद के 100 परिषदीय विद्यालय बनेंगे इंग्लिश मीडियममुश्किलें भी कम नहींपहल शिक्षकों के चयन के लिए कमेटी गठित, खंड शिक्षा अधिकारियों को सौंपी गई जिम्मेदारी, देना होगा आवेदन
परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को भी कांवेंट स्कूलों के बच्चों के समकक्ष खड़ा करने के लिए प्रदेश सरकार ने कुछ परिषदीय विद्यालयों को इंग्लिश मीडियम बनाने का फैसला लिया है। गोरखपुर में 100 परिषदीय विद्यालय को इंग्लिश मीडियम में तब्दील किया जाना है, यानी हर ब्लाक में पांच-पांच विद्यालयों को बेहतर ढंग से विकसित किया जाएगा।
अंग्रेजी माध्यम की ओर अभिभावकों के झुकाव को देखते हुए राज्य सरकार ने चुनिंदा परिषदीय विद्यालयों को अंग्रेजी माध्यम का स्कूल बनाने का निर्णय लिया है। सभी जिलों को आदेश जारी कर इस बात का निर्देश दिया गया है कि हर हाल में अप्रैल से शुरू हो रहे नए सत्र से अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों में पढ़ाई शुरू कर दी जाए। इन विद्यालयों में शिक्षकों के चयन के लिए कमेटी गठित की जा रही है।
ऐसे होगा चयन: विभाग की ओर से खंड शिक्षा अधिकारियों को अपने ब्लाक में विद्यालयों का चयन करने की जिम्मेदारी दी गई है। जो शिक्षक अपने विद्यालय को अंग्रेजी माध्यम के रूप में विकसित करना चाहते हों, वे विभाग को आवेदन दे सकते हैं। ऐसे निकालेंगे उपाय नए शैक्षिक सत्र से इन विद्यालयों में पढ़ाई शुरू करनी है। विभाग उन विद्यालयों को चिन्हित कर रहा है, जहां ग्राम प्रधानों व समाज के अन्य लोगों की मदद से परिषदीय विद्यालयों में सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं। इन विद्यालयों में अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाने के इच्छुक शिक्षकों को तैनात कर पढ़ाई शुरू करायी जाएगी। इन विद्यालयों में पढ़ाई की शुरूआत समारोह पूर्वक होनी है। डायट प्राचार्य की अध्यक्षता में बनी कमेटी भी जल्दी ही शिक्षकों का चयन शुरू करने जा रही है।परिषदीय विद्यालयों को अंग्रेजी माध्यम के रूप में विकसित करने में चुनौतियां भी बहुत रहेंगी। बहुत से शिक्षक अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाने को तैयार हैं लेकिन उनके यहां सुविधाओं की कमी है। अगर कमेटी शिक्षकों का चयन कर भी लेती है तो विद्यालयों में सुविधाएं देना बड़ी चुनौती होगी। अंग्रेजी माध्यम के बच्चों की तरह शिक्षा देनी है तो उन्हीं की तरह सुविधाएं भी देनी होंगी जबकि अधिकांश परिषदीय विद्यालयों में डेस्क, बेंच भी नहीं। अभी भी कई परिषदीय विद्यालय ऐसे हैं, जहां एक ही शिक्षक के भरोसे पढ़ाई चल रही है। जनपद में करीब एक हजार शिक्षकों की कमी है।
हर ब्लाक से पांच-पांच विद्यालयों का चयन किया जाना है। जो शिक्षक अपने विद्यालय को अंग्रेजी माध्यम में परिवर्तित करना चाहते हैं वे आवेदन दे सकते हैं। समय से इन विद्यालयों का चयन कर लिया जाएगा।रामसागर पति त्रिपाठी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी
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