माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड के 26 हजार से अधिक कालेजों में पढ़ाई जाने वाली एनसीईआरटी की पुस्तक प्रकाशन का टेंडर खोलना फिलहाल टल गया है। ऐसे में 29 जनवरी से टेंडर आवंटन भी नहीं होगा। बोर्ड प्रशासन अब फरवरी माह में टेंडर खोलेगा और उसके बाद कम दर पर टेंडर देने वालों को कार्य आवंटन होगा। ज्ञात हो कि इसके पहले प्री-बिड टेंडर निरस्त करके दोबारा जारी किया गया था।
यूपी बोर्ड की ओर से संचालित कालेजों में नए सत्र से एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू हो रहा है। इसके लिए बोर्ड प्रशासन ने पाठ्यक्रम आदि तैयार करने के बाद बीते दिसंबर माह में ही प्री-बिड टेंडर के लिए निविदाएं आमंत्रित की थी। उसके बाद पब्लिशर व प्रिंटर्स की मुख्यालय पर बैठक भी हुई। इसमें प्रकाशकों ने टेंडर की गड़बड़ियों के साथ ही कई आपत्तियां की थी। लिहाजा करीब 20 दिन बाद बोर्ड ने पुराना टेंडर निरस्त करके दोबारा टेंडर निकाला और निविदाएं मांगी। इसमें प्रकाशकों को असुविधा न हो इसलिए समय सीमा भी बढ़ाई गई। बोर्ड सचिव नीना श्रीवास्तव ने बताया कि 25 जनवरी तक ऑनलाइन टेंडर लिए गए इसमें 17 बिडर्स व 45 पब्लिशर व प्रिंटर्स ने निविदाएं दी हैं। इसे शनिवार से बोर्ड मुख्यालय पर खोला जाना था। इसके लिए शिक्षा निदेशक माध्यमिक व बोर्ड सभापति डा. अवध नरेश शर्मा भी यहां पहुंचे थे। सचिव ने बताया कि एक-एक टेंडर तीन-तीन सौ पेज का होने से शाम तक सभी की हार्ड कॉपी नहीं निकाली जा सकी। इससे टेंडर खोलने की प्रक्रिया फिलहाल टाल दी गई है अब इसे फरवरी में खोला जाएगा और उसके बाद कम निविदा देने वालों को कार्य का आवंटन होगा। ज्ञात हो कि 30 जनवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बोर्ड परीक्षा तैयारियों की समीक्षा और वीडियो कांफ्रेंसिंग करेंगे। ऐसे में पूरा प्रशासन उसी में व्यस्त है। बोर्ड सचिव ने कहा कि कुछ दिन बाद प्रक्रिया शुरू होने से भी किताबें उपलब्ध कराने में दिक्कत नहीं आएगी। बोर्ड प्रशासन कक्षा नौ से 12 तक में 31 किताबों को पहले चरण में प्रकाशित कराएगा। कार्य आवंटन होने के 50 दिन में प्रकाशकों को बाजार में किताबें मुहैया कराने का लक्ष्य दिया जा चुका है।
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