परिषदीय स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम से संचालन में रार पैदा होने लगी है। हालांकि चयनित 55 स्कूलों का संचालन अप्रैल नए सत्र में अप्रैल से होना है, लेकिन कार्यरत शिक्षक अभी से अन्यत्र स्थानों पर स्थानान्तरित की आशंका से बेचैन है। मामले में शिक्षक संघ ने कड़ा एतराज जताते हुए शिक्षक हितों को सर्वोच्च वरीयता देने की मांग की है।
बेसिक स्कूलों की तस्वीर को उजला करने के लिए इन दिनों प्रदेश सरकार जोरशोर से दावे और घोषणाएं कर रही है। अप्रैल से आरंभ होने वाले नए सत्र के लिए प्रारंभिक तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। बेसिक शिक्षा विभाग के निर्देशों के क्रम में प्रत्येक ब्लाक में 5-5 स्कूलों को नए सत्र से अंग्रेजी माध्यम से संचालित किया जायेगा। स्थानीय स्तर पर इसके लिए कार्यवाही शुरु हो चुकी है। 11 ब्लाक के 55 स्कूलों के चयन के बाद विभाग ने शिक्षकों की नियुक्ति को जिले भर में परिषद के स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों से आवेदन पत्र मांगे है। प्रवेश परीक्षा में कामयाब शिक्षकों को वरीयतानुसार स्कूलों में भेजा जायेगा।
अन्यत्र स्थानांतरण की आशंका से बेचैन: अंग्रेजी माध्यम से संचालित किए जाने वाले स्कूलों में कार्यरत शिक्षक अन्यत्र स्कूलों में स्थानान्तरण की आशंका से बेचैन हो गए हैं और इसे लेकर इनके भी कई तर्क हैं। मसलन प्रवेश परीक्षा में चयन के बाद उन्हें प्राथमिकता के आधार पर इन्हीं स्कूलों में नियुक्ति दी जाए, जहां वे कार्यरत हैं।
इच्छानुसार समायोजन की मांग: शिक्षकों का कहना है कि यदि प्रवेश परीक्षा में किसी शिक्षक का चयन नही होता है तो संबंधित शिक्षक को उसकी इच्छानुसार किसी विद्यालय में समायोजित अथवा स्थानान्तरित किया जाना चाहिए।
परीक्षा के प्रारूप में अड़ंगा: प्रवेश परीक्षा में इंटरमीडिएट अंग्रेजी विषय या अंग्रेजी माध्यम की अर्हता वाले शिक्षकों, जिनके पास विज्ञान, गणित व सामान्य विषय रहा हो, की लिखित परीक्षा उसके विषय के अनुसार कराई जाए। जिससे इन स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को कोई परेशानी न हो। उधर पूरे मामले को लेकर उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष संदीप सिंह पंवार का कहना है कि शिक्षक हितों के विरुद्ध किए कार्यों को संगठन बर्दाश्त नही करेगा। संघ ने शिक्षकों की भावनाओं से बीएसए को अवगत करा दिया है
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