ने डायबिटीज टाइप वन को दिव्यांगता की श्रेणी में शामिल किया है। इस फैसले से डायबिटीज टाइप वन से पीड़ित विद्यार्थियों को 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में दिव्यांग विद्यार्थियों की तरह सुविधाएं मिलेंगी। बोर्ड ने पीड़ित विद्यार्थियों को दिव्यांग श्रेणी में फॉर्म भरने का विकल्प दिया है।
सीबीएसई 10वीं व 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा पांच मार्च से शुरू हो रही है। इससे पहले सीबीएसई ने बड़ा फैसला लिया है। डिसएबिलिटीज एक्ट, 2017 में दिव्यांगता वाली 21 बीमारियों की सूची में डायबिटीज शामिल नहीं हैं, लेकिन इसके बाद भी सीबीएसई ने परिपत्र (सकरुलर) जारी किया है। परिपत्र में सीबीएसई ने पीड़ित विद्यार्थियों को कहा है कि अगर वे परीक्षा के दौरान विशेष छूट चाहते हैं तो वे दिव्यांगता की श्रेणी में फॉर्म भर सकते हैं।1 गौरतलब है कि सीबीएसई ने पिछले वर्ष बोर्ड परीक्षा के दौरान डायबिटीज से पीड़ित विद्यार्थियों को राहत प्रदान करते हुए उन्हें कई सुविधाएं उपलब्ध कराई थीं। इसके तहत इंसुलिन पर निर्भर विद्यार्थियों को परीक्षा केंद्र में चॉकलेट, टॉफी व पानी ले जाने की इजाजत दी गई थी।
इस वर्ष भी आयोजित होने वाली परीक्षा में सीबीएसई ने डायबिटीज से पीड़ित विद्यार्थियों के लिए यह छूट बरकरार रखी है। विद्यार्थी परीक्षा केंद्र में सेब, केला, संतरा और आधा लीटर तक पानी की बोतल ले जा सकेंगे।
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