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Wednesday, January 31, 2018

सीएम योगी बोले, परीक्षा में नकल नहीं .... तो नहीं, नकल होने पर डीएम, जिला विद्यालय निरीक्षक व जेडी होंगे जिम्मेदार

इलाहाबाद : की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा को लेकर प्रदेश सरकार का पहले दिन से जो स्टैंड रहा है, उसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को और स्पष्ट कर दिया। उन्होंने अफसरों से दो टूक शब्दों में कहा कि ‘परीक्षा में नकल नहीं .. तो नहीं।’ बोले, सरकार इस इम्तिहान में नकल रोकने को कृत संकल्प है। इसमें किसी तरह की ढिलाई नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने यह भी तय कर दिया कि यदि किसी जिले में नकल हुई तो वहां के जिलाधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक व संयुक्त मंडलीय शिक्षा निदेशक तीनों जिम्मेदार होंगे।


मुख्यमंत्री लखनऊ के लोक भवन में मंगलवार शाम वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए परीक्षा तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि परीक्षा में नकल रुकने से परीक्षार्थियों का ही भला होगा। वह अच्छे से पढ़ाई करेंगे और समाज व देश के जिम्मेदार नागरिक बनेंगे। परीक्षा के समय नकल रोकने के लिए परीक्षार्थियों से अभद्रता नहीं होनी चाहिए और न ही किसी तरह का दहशत का माहौल बनाएं, बल्कि उन्हें विश्वास में लेकर नकल को कड़ाई से रोकें। परीक्षा केंद्रों के अंदर नकल सामग्री जाने ही न पाएं इसलिए गेट पर ही सघन तलाशी हो, यांत्रिक उपकरण अंदर न ले जाने के पुख्ता बंदोबस्त करें। यह भी ध्यान रखें कि छात्रओं की तलाशी सिर्फ महिलाएं ही लें। इसमें पुलिस बल, एलआइयू व एसटीएफ आदि की पूरी मदद ली जाए। हर जिले को पर्याप्त संख्या में पुलिस बल मुहैया कराया जाएगा।


मुख्यमंत्री ने गोरखपुर, बलिया, आजमगढ़, मेरठ, जौनपुर, अलीगढ़, बागपत, देवरिया, गाजीपुर समेत करीब ऐसे बीस जिलों के जिला विद्यालय निरीक्षकों से संवाद किया। ज्ञात हो कि यह जिले नकल के मामले में कुख्यात रहे हैं। मुख्यमंत्री ने पूछा कि उनके यहां कितने परीक्षा केंद्र बने हैं, इम्तिहान के क्या इंतजाम किए गए हैं और कक्षों व परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे क्रियाशील हैं या नहीं? उन्होंने यह भी पूछा कि डीआइओएस बताएं कि उन्होंने कितने केंद्रों की व्यवस्था खुद जांची हैं। सभी अफसरों ने विश्वास दिलाया कि सारे इंतजाम पूरे कर लिए गए हैं और लगातार नकल रोकने की रणनीति बनाई जा रही है। इसके पहले अपर मुख्य सचिव संजय अग्रवाल ने परीक्षा तैयारियों की मुख्यमंत्री को विस्तार से जानकारी दी।


ज्ञात हो कि परीक्षा में साढ़े 66 लाख से अधिक परीक्षार्थी शामिल होंगे और परीक्षाएं छह फरवरी से 10 मार्च तक चलेंगी। इसके लिए 8549 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, इनमें से 2087 केंद्र संवेदनशील, अति संवेदनशील हैं। वीडियो कांफ्रेंसिंग में उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, मुख्य सचिव राजीव कुमार, डीजीपी ओपी सिंह, माध्यमिक शिक्षा निदेशक डा. अवध नरेश शर्मा, की सचिव नीना श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।

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