Wednesday, February 28, 2018
सीबीएसई स्कूलों में बेची जा सकेंगी किताबें और यूनीफॉर्म, हाईकोर्ट ने सीबीएसई के आदेश को किया रद्द
नई दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के उस फैसले को रद कर दिया है जिसमें उसने द्वारा संचालित स्कूलों में किताबों और स्कूल वर्दी को बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया था। न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की एकल पीठ ने द्वारा जारी एक अप्रैल 2017 के फैसले को रद कर दिया है जिसमें स्कूलों में किताबों, स्टेशनरी, वर्दी और स्कूल बैग को नहीं बेचने की सलाह दी गई थी।
शिक्षा के व्यवसायीकरण के सवाल से निपटने के लिए कोर्ट ने कहा कि स्कूल परिसर में एनसीईआरटी, गैर एनसीईआरटी की किताबों, स्टेशनरी आइटम और वर्दी का मिलना सुविधाओं में इजाफा ही होगा। कोर्ट ने कहा कि शिक्षा परिसरों में कुछ ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए जिससे स्कूल परिसर में ही सभी सुविधाएं आसानी से उपलब्ध हों।
दरअसल स्कूल परिसरों में बैन के खिलाफ कॉपी-किताब बेचने वाले विक्रेताओं की एसोसिएशन ने दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। लंबी सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि केवल इस आधार पर का यह फैसला कि बिक्री के लिए स्कूलों की दुकानों से खरीदने के लिए छात्रों और उनके माता-पिता को मजबूर किया जा सकता है ये काफी तर्कहीन है।
सीबीएसई में 10वीं के छात्रों के लिए बदला पास होने का मानदंड, आंतरिक मूल्यांकन व बोर्ड परीक्षा के अंकों को मिलाकर 33 फीसद अंक लाने पर भी होंगे पास
नई दिल्ली : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड () ने दसवीं बोर्ड परीक्षा के विद्यार्थियों को बड़ी राहत दी है। उसने दसवीं के विद्यार्थियों के पास होने का मानदंड बदल दिया है। अब आंतरिक व बोर्ड परीक्षा के मूल्यांकन को मिलाकर 33 फीसद अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी भी पास हो जाएंगे। पहले विद्यार्थियों को पास होने के लिए आंतरिक व बोर्ड परीक्षा के मूल्यांकन में अलग-अलग 33 फीसद अंक प्राप्त करने होते थे।
शैक्षणिक सत्र 2017-18 की दसवीं की बोर्ड परीक्षा में विभिन्न मूल्यांकन पृष्ठभूमि से आए परीक्षार्थियों की परिस्थतियों को देखते हुए की परीक्षा समिति ने 16 फरवरी को हुई बैठक में यह फैसला लिया है। हालांकि पास होने का यह मानदंड सिर्फ इसी सत्र की बोर्ड परीक्षा के लिए लागू रहेगा। अध्यक्ष अनिता करवल द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार 2018 में परीक्षा दे रहे दसवीं के विद्यार्थियों के लिए यह बदलाव किया गया है। इसके तहत 20 अंक वाली आंतरिक परीक्षा व 80 अंक वाली विषय परीक्षा के अंकों को मिलाकर 33 फीसद अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी पास माने जाएंगे। यह नियम पांचों मुख्य विषयों के लिए लागू होगा। अगर किसी विद्यार्थी ने अतिरिक्त विषय के तौर पर छठा या सातवां विषय भी लिया है, तो उन विषयों के पास होने का मानदंड भी अन्य पांचों विषयों की तरह ही रहेगा।
महराजगंज : शिक्षकों को दिया जाएगा कला एवं संगीत का चार दिवसीय प्रशिक्षण, छह बैच में लगभग तीन सौ शिक्षक होंगे प्रशिक्षित
प्रशिक्षण के लिए नामित हुए प्रशिक्षक- प्रभारी प्राचार्य
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्रभारी प्राचार्य मसऊद अख्तर अंसारी ने बताया कि डायट में छह चक्रों में होने वाले प्रशिक्षण के लिए अलका मलिक व प्रीति पाल को प्रशिक्षक नियुक्त किया गया है। प्रशिक्षण से शिक्षकों को लाभ होगा तथा बच्चे भी कला व संगीत की गतिविधि से जुड़ सकेंगे।
चन्दौली : ग्रामीणों ने विद्यालय में स्थापित कर दी होलिका, पिछले वर्ष होलिका स्थापित किये जाने को लेकर हुआ था विवाद
जासं,शहाबगंज(चंदौली): यह क्या, परंपराओं के निर्वहन में हम इस कदर आंखे मूंद ले रहे हैं कि सही व गलत का भान ही नहीं हो पा रहा है। जी हां, शहाबगंज विकास क्षेत्र के रसिया व धन्नीपुर गांव स्थित परिषदीय विद्यालय में होलिका स्थापित कर दिए जाने से तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। रसिया व धन्नीपुर गांव में प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय एक ही परिसर में है। जहां सैकड़ों छात्र अध्यनरत हैं। धन्नीपुर विद्यालय के बाहर बाउंड्री सहित गेट भी स्थापित है। लेकिन गांव के लोगों द्वारा जबरदस्ती होलिका स्थापित कर दी गई है। ग्रामीणों का कहना है कि इसी प्रांगण में कई वर्षों से होलिका स्थापित की जा रही हैं। होलिका स्थापित करने को लेकर पिछले वर्ष शिक्षक व ग्रामीणों में जमकर तू-तू-मैं-मैं हुआ था। प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य गोपाल दुबे ने बताया कि मना करने के बाद भी प्रांगण में होलिका स्थापित कर दी गई। विभाग के उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। कमोवेश यही हाल रसिया गांव स्थित विद्यालय का भी है। परंपरा मान गांव के लोग विद्यालय परिसर में ही होलिका स्थापित कर दिए। प्रधानाध्यापक रामलाल प्रसाद ने कहा कि लिखित शिकायत खंड शिक्षा अधिकारी व पुलिस से की गई है।
Tuesday, February 27, 2018
आउटसोर्सिग से भरेंगे अशासकीय सहायताप्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के रिक्त पद, उप्र लघु उद्योग निगम ‘मैन पावर आउटसोर्सिग एजेंसी’ नामित
लखनऊ : राज्य सरकार ने अशासकीय सहायताप्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के रिक्त पदों को आउटसोर्सिग से भरे जाने की केंद्रीयकृत व्यवस्था की है। इसके लिए उप्र लघु उद्योग निगम, कानपुर को ‘मैन पावर आउटसोर्सिग एजेंसी’ नामित किया गया है।
अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा संजय अग्रवाल ने इस बारे में दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं। विद्यालय में रिक्त चतुर्थ श्रेणी के पदों को आउटसोर्सिग से भरे जाने के लिए संबंधित विद्यालय के प्रधानाचार्य, जिला विद्यालय निरीक्षक के माध्यम से नामित एजेंसी को मांग भेजेंगे। जनशक्ति उपलब्ध कराये जाने के बारे में विद्यालय के प्रधानाचार्य और उप्र लघु उद्योग निगम के बीच अधिकतम 11 माह के लिए एक अनुबंध हस्ताक्षरित किया जाएगा।
आउटसोर्सिग पर लिये गए कार्मिकों के पारिश्रमिक का निर्धारण उप्र लघु उद्योग निगम करेगा जो प्रदेश के श्रमायुक्त द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी के बराबर होगा। नामित एजेंसी कार्मिक को दिए जाने वाले मासिक पारिश्रमिक का अधिकतम 10 प्रतिशत सेवा शुल्क के रूप में लेगी। आउटसोर्सिग से लिये गए कार्मिक माध्यमिक शिक्षा विभाग के कार्मिक नहीं माने जाएंगे। ये कार्मिक संबंधित विद्यालय के प्रधानाचार्य के नियंत्रण में रहेंगे।
गोरखपुर : अंग्रेजी मीडियम के लिए नहीं मिल रहे अध्यापक, जरूरत पड़ी तो आवेदन तिथि बढ़ेगी आगे
जनपद के हर ब्लाक में पांच परिषदीय विद्यालयों को अंग्रेजी माध्यम के रूप में संचालित किया जाना है। विद्यालयों की सूची तो तैयार कर ली गई है, लेकिन उनके लिए शिक्षक ही नहीं मिल रहे। शिक्षकों के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि तक 50 प्रतिशत से भी कम आवेदन मिले तो विभाग ने तारीख को आगे बढ़ा दिया।
जनपद के 19 ब्लाक व नगर क्षेत्र में कुल 100 परिषदीय विद्यालयों को अंग्रेजी माध्यम के रूप में चयनित किया गया है। शासन के निर्देश के मुताबिक विद्यालयों व शिक्षकों के चयन की प्रक्रिया मार्च महीने तक पूरी कर लेनी है और अप्रैल में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई शुरू करानी होगी। समय रहते विद्यालयों का चयन तो कर लिया गया, लेकिन शिक्षकों के चयन के लिए परेशानी हो रही है।
शिक्षक चयन के लिए बनी है कमेटी: अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों में शिक्षकों के चयन के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है। जिला विद्यालय निरीक्षक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह भदौरिया इस कमेटी के अध्यक्ष हैं तथा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रामसागर पति त्रिपाठी सचिव हैं। इस कमेटी में एक अंग्रेजी के प्रवक्ता व एक विशेषज्ञ को भी शामिल किया गया है। अंग्रेजी माध्यम के शिक्षकों के चयन के लिए परिषदीय शिक्षकों से 21 फरवरी तक आवेदन आमंत्रित किए गए थे लेकिन इस तिथि तक करीब 250 आवेदन ही आ सके, जबकि इन विद्यालयों में 400 सहायक अध्यापक व 100 प्रधानाध्यापक के पद पर तैनाती करनी है। आवेदनों की कम संख्या को देखते हुए बीएसए ने अंतिम तिथि 28 फरवरी तक बढ़ा दी है। विभागीय सूत्रों की मानें तो अब अधिक आवेदन आने की संभावना काफी कम है।
जनपद में 100 विद्यालयों को अंग्रेजी माध्यम के रूप में किया गया है चयनित शिक्षकों के 500 पदों के सापेक्ष अंतिम तिथि तक 50 प्रतिशत आवेदन ही आए बढ़ाई गई समय सीमाअंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों की सूची तैयार कर ली गई है। शिक्षकों से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं,आवेदन करने के लिए उन्हें प्रोत्साहित भी किया जा रहा है। जरूरत पड़ी तो तिथि को और आगे बढ़ाया जाएगा।रामसागर पति त्रिपाठी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, गोरखपुर
यूपी बोर्ड : एक विषय व एक प्रश्नपत्र लागू करने की प्रक्रिया शुरू, लगातार नव प्रयोग के जरिए शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने जुटा बोर्ड
इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा परिषद यानि लगातार नव प्रयोग के जरिए शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने जुटा है। इसी के तहत के 26 हजार से अधिक कालेजों में अब एक विषय, एक प्रश्नपत्र लागू करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
सोमवार को बोर्ड मुख्यालय पहुंचे निदेशक माध्यमिक शिक्षा अवध नरेश शर्मा ने बताया कि नए सत्र से के सभी विषयों के लिए सिर्फ ही प्रश्नपत्र रहेगा। इंटरमीडिएट के किसी भी विषय में एक से अधिक प्रश्नपत्र नहीं होगे। इससे बोर्ड परीक्षा में लगने वाला लंबा समय कम किया जाएगा।
इस पर बोर्ड में मंथन शुरू हो गया है, 15 दिन तक सभी ुओं पर विस्तार से चर्चा होगी। 1नए सत्र से दिखेंगे अहम बदलाव1 के निदेशक डॉ. शर्मा ने बताया कि इस बार की बोर्ड परीक्षा के दौरान नकल रोकने को लेकर हुए प्रयास की तर्ज पर नए सत्र से स्कूलों में पढ़ाई में भी बड़े बदलाव किए जा रहे हैं, इसका असर भी नए सत्र से दिखाई देगा। स्कूलों में नियमित रूप से पढ़ाई की व्यवस्था के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे, ताकि स्कूलों में बच्चों को बेहतर शिक्षा दी जा सके। उन्होंने बताया कि इस बार की बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट भी अप्रैल माह के अंत तक जारी हो जाएगा।
■ नए शैक्षिक सत्र से लागू करेगा नई व्यवस्था
■ इंटर के भी एक विषय में सिर्फ एक ही प्रश्नपत्र की होगी व्यवस्था
यूपी बोर्ड : बढ़ी गलत प्रश्नपत्र खोलने की संख्या, घबराहट और दबाव के साथ जानबूझकर भी ऐसे प्रकरण हुए खूब, सभी मामलों की हो रही जांच
इलाहाबाद : इस बार की बोर्ड परीक्षा में नकल रोकने में काफी हद तक बोर्ड को भले ही कामयाबी मिली हो लेकिन, परीक्षा को लेकर निदेशक भी मानते है कि इस बार गलत प्रश्नपत्र खुलने की घटनाएं बढ़ी हैं। अभी तक की सूचनाओं के हिसाब से जहां कई जिलों में घबराहट और हड़बड़ी में गलत प्रश्नपत्र खुले हैं, तो कई जिले ऐसे भी रहे जहां जानबूझकर ऐसा किया है।
सभी मामलों की जांच भी कराई जा रही है जिससे उस पर भी कार्रवाई हो सके। उन्होंने कहा कि यह मामले बड़ी संख्या में इसीलिए सामने आ सके, क्योंकि परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरा आदि का प्रबंध किया गया था। वहीं, कई घटनाएं पहले दिन छिपा ली गई लेकिन, शिकायत मिलने पर वहां कड़ी कार्रवाई हुई है। ऐसे मामले पिछले वर्षो में भी होते रहे होंगे लेकिन, प्रमाण न मिलने से वह दब जाते थे। इस बार की परीक्षा हर मामले में मिसाल कायम कर रही है।
महराजगंज : अटेवा पेंशन बचाओ मंच के प्रांतीय संगठन मंत्री के नेतृत्व में पुरानी पेंशन बहाली और 30 अप्रैल को दिल्ली में प्रस्तावित आंदोलन की तैयारी को लेकर हुई बैठक
Monday, February 26, 2018
समायोजन बहाली को फिर आंदोलन करेंगे शिक्षामित्र, 28 फरवरी से शुरू होगा धरना
प्रधानमंत्री मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर लगाया वादा खिलाफी का आरोप
सहायक अध्यापक पद पर समायोजन बहाली के लिए शिक्षामित्र फिर आंदोलन तेज करेंगे। 28 फरवरी को जिला गन्ना कार्यालय परिसर में धरना देकर मुख्यमंत्री व केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री को संबोधित ज्ञापन डीएम को देंगे। धरने पर ही अगली रणनीति की घोषणा की जाएगी। सत्तादल भाजपा के सांसद व विधायकों को एक बार फिर से ज्ञापन देकर अपने पक्ष में सरकार का रुख लाने की कोशिश होगी।
प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष एवं प्रदेश मंत्री विनोद कुमार वर्मा ने रविवार को बडेल स्थित कार्यालय में पदाधिकारियों के साथ बैठक कर 28 फरवरी के धरने में शतप्रतिशत शिक्षामित्रों को शामिल होने की अपील की। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने तीन दिन के अंदर शिक्षामित्रों को शिक्षकों के समान वेतन देने की घोषणा की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिक्षामित्रों की जिम्मेदारी ली थी, फिर भी शिक्षामित्र आज भूखे मरने को विवश हैं। अपने राजनीतिक हितों के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार शिक्षामित्रों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। लोक सभा चुनाव अगले साल आने वाला है। प्रधानमंत्री ने यदि अपना वायदा नहीं निभाया तो उसका खामियाजा चुनाव में भुगतना होगा। उन्होंने कहा कि चार सौ से ज्यादा शिक्षामित्र समायोजन निरस्त होने के सदमे में जान गवां चुके हैं, पर केंद्र व प्रदेश सरकार के कानों तक जूं नहीं रेंगी। सरकार ने संवेदनहीनता की हदें पार कर दी हैं ऐसे में धैर्य धारण करने की शक्ति नहीं बची है। बैठक में रोहित त्रिपाठी, अनिल शर्मा, संजय शर्मा, बजरंग रावत, पवन कुमार श्रीवास्तव, राम प्रताप, शिव कुमार आदि मौजूद रहे।
संतकबीरनगर : आठ मार्च से परीक्षा कराने की तैयारी में जुटा विभाग, बोर्ड की तर्ज पर होगी परिषदीय विद्यालयों में वार्षिक परीक्षा
परिषदीय विद्यालयों की वार्षिक परीक्षा की तैयारियां शुरू हो गई। आठ से मार्च से 17 मार्च तक के बीच परीक्षा की तिथि संभावित है। परीक्षा के लिए प्रश्न पत्र का निर्माण आदि का कार्य शुरू हो गया है। 1075 प्राथमिक, 443 उच्च प्राथमिक, 34 सहायता प्राप्त व 15 मकतब मदरसा में करीब डेढ़ लाख बच्चे परीक्षा में शामिल होगी। इसमें परिषदीय विद्यालयों के बच्चों की संख्या एक लाख 29 हजार 228 है।
बेसिक शिक्षा की परीक्षा इस बाद पूरी तरह माध्यमिक शिक्षा परिषद बोर्ड की तर्ज पर कराने की तैयारी है। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में परीक्षा संपन्न कराई जाएगी। बोर्ड के चार सचल दस्ता विद्यालयों में सघन निरीक्षण करेंगे। ब्लाक में खंड शिक्षाधिकारी जिम्मेदारी निभाएंगे। डायट से खंड शिक्षाधिकारी को प्रश्न पत्र उपलब्ध कराया जाएगा। यहां से एनपीआरसी पर पहुंचेंगे। न्याय पंचायत समन्वयक प्रश्न पत्र लेकर विद्यालयों में पहुंचेगे।’ कक्षा एक की मौखिक व दो से आठ तक होगी मौखिक व लिखित परीक्षा आठ मार्च से परीक्षा कराने की तैयारी में जुटा विभाग प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय में 1,29,228 बच्चे
ड्यूटी को लेकर असमंजस परीक्षा में दूसरे विद्यालय में ड्यूटी को लेकर शिक्षकों के बेचैनी बढ़ गई है। दूर-दराज के विद्यालय पर समय से पहुंचने की चिंता सालने लगी है। प्रधानाध्यापक के साथ विद्यालय की ड्यूटी में नाम शामिल कराने की अभी से सिपारिश भी हो रही है। सर्वाधिक दिक्कत महिला शिक्षकों में है। सप्ताह भर की परीक्षाओं में गुरुजी की भी परीक्षा होने वाली है।होली अवकाश के बाद मिलेगा प्रश्नपत्र 1परीक्षा संभावित तिथि के तहत जनपद स्तर पर कक्षा एक से पांच व छह से आठ तक के प्रश्न पत्रों का निर्माण कार्य मार्च के प्रथम सप्ताह में पूरा होना है। तीन दिन अवकाश के बाद जनपद स्तर पर प्रश्न पत्रों का मुद्रण व शील्ड पैंक कराने का बीईओ को उपलब्ध होगा। इसके बाद विद्यालय पर भेजे जाएंगे। जहां भी लापरवाही मिलेगी कार्रवाई तय है।
शुचिता पूर्ण होगी परीक्षा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डा. माया सिंह का कहना है कि परिषदीय विद्यालयों की कक्षा एक से आठ तक की परीक्षा शुचितापूर्ण नकल विहीन संपन्न कराई जाएगी। परीक्षा में कक्ष निरीक्षकों की तैनाती रोस्टर के हिसाब से होगी। आसपास के विद्यालयों के शिक्षकों को कक्ष निरीक्षक बनाया जाएगा। उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन में भी पारदर्शिता व निष्पक्षता से कराई जाएगी। कक्षा एक की मौखिक परीक्षा हंिदूी,गणित, अंग्रेजी तीन कार्य दिवस में समाप्त होगी। कक्षा दो व तीन की लिखित व मौखिक परीक्षा भी तीन दिन 18,20 व 21 को दो पाली में होगी। तीन से पांच के बच्चों की सभी विषय की परीक्षा लिखित होगी।चरणवार पूरे होंगे कार्य वार्षिक परीक्षा जनपद स्तर पर प्रश्न पत्रों का मुद्रण व सील्ड पैंक कराने का बीईओ को उपलब्ध कराया जाएगा। इसके बाद बीईओ द्वारा कोड के आधार पर पैकेट संकुल प्रभारियों को उपलब्ध कराएं जाने का कार्य होगा। फिर विद्यालय स्तर पर समय सारणी के अनुसार दो पाली में परीक्षा होगी। चार दिनों में शिक्षकों द्वारा उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का कार्य किया जाएगा। 30 मार्च 2018 को परीक्षाफल की घोषणा, अभिभावक सम्मेलन व बच्चों में प्रगति पत्र वितरण व सम्मानित करने का कार्य किया जाएगा।
संतकबीरनगर : पदोन्नति के लिए शिक्षकों को करना होगा इंतजार, प्रधानाध्यापक व जूनियर में सहायक बनने के लिए शिक्षक उत्साहित, अंतरजनपदीय स्थानांतरण की प्रक्रिया के बाद होगी पदोन्नति
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक विद्यालयों में तीन वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले शिक्षकों की पदोन्नति के लिए अभी इंतजार रहेगा। अंतरजनपदीय स्थानांतरण की प्रक्रिया में एक बार फिर उलझ गई। अंतरजनपदीय स्थानांतरण के बाद प्राथमिक में रिक्त प्रधानाध्यापक व उच्च प्राथमिक में रिक्त सहायक अध्यापक व प्रधानाध्यापक पद पर पदोन्नति होगी।
जनपद के रिक्त प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक व उच्च प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक पद पर नियमानुसार पदोन्नति के लिए करीब 99 शिक्षकों की सूची तैयार हुई। ब्लाक वार पदोन्नति के लिए संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा सत्यापित वरिष्ठता सूची ब्लाक पर नोटिस बोर्ड पर चस्पा की गई। सूची में किसी भी अभ्यर्थी को कोई आपत्ति हो तो संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी के माध्यम से एक सप्ताह भीतर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया।
इसी बीच अंतरजनपदीय स्थानांतरण का आदेश आ गया। सत्यापन कार्य के बाद सूची परिषद को भेजी गई। इस संबंध में बीएसए डा. माया सिंह का कहना है कि प्रक्रिया पूरी करके नियमानुसार संबंधित शिक्षकों की पदोन्नति की जाएगी।
प्रधानाध्यापक व सहायक अध्यापक की संख्या कम: 1075 प्राथमिक विद्यालयों में महज 653 प्रधानाध्यापक व 1135 शिक्षक है। उच्च प्राथमिक के 443 विद्यालयों में महज 32 में प्रधानाध्यापक सहित कुल 1033 शिक्षक है। संख्या के अनुसार जहां उच्च प्राथमिक में शिक्षकों की संख्या कम है वहीं दोनों स्थानों पर प्रधानाध्यापक नहीं है। संभावना है कि बार फिर पदोन्नति में प्रधानाध्यापक बनने के कम व जूनियर में सहायक अध्यापक बनने वाले शिक्षकों की संख्या अधिक रहेगी।’
सम्भल : शासन-प्रशासन पर लगाया समस्याओं की अनदेखी का आरोप, शिक्षामित्रों का एलान, नहीं मनाएंगे होली
सुप्रीम कोर्ट द्वारा शिक्षामित्रों का समायोजन रद किए जाने और इसके बाद से साथियों द्वारा लगातार की गई आत्महत्याओं से व्यथित शिक्षामित्रों ने इस बार होली न मनाने का फैसला लिया है। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ की गांव बेनीपुर चक में सुरेंद्र यादव के आवास पर आयोजित बैठक में शिक्षामित्रों ने अपनी दुर्दशा पर दुख व्यक्त किया।
ब्लाक अध्यक्ष र¨वद्र खारी ने कहा कि गत वर्ष 25 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट द्वारा शिक्षामित्रों का समायोजन रद किए जाने के बाद से शिक्षामित्र मानसिक यातना में जीवन जीने को मजबूर हैं जबकि समायोजन रद होने के बाद से शिक्षामित्र मात्र दस हजार रुपये प्रतिमाह के मानदेय में भयंकर आर्थिक समस्या से जूझ रहे हैं। यही वजह है कि शिक्षामित्र या तो आत्महत्या कर रहे हैं या आए दिन हार्ट अटैक से मर रहे हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार से शिक्षामित्रों को उनका सम्मान वापस दिलाने की उम्मीद जाहिर करते हुए शिक्षामित्रों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं। बैठक में निर्णय लिया गया कि समायोजन रद्द होने से सदमे में मरे शिक्षामित्रों कुसुमलता, उरमान, यामीन खां और विनोद सहगल के दुख में होली का पर्व नहीं मनाएंगे।
बैठक में सुरेंद्र यादव, सुनील गुर्जर, हरीश्चंद्र शर्मा, सुरेंद्र ङिाल्ली, कमल सिंह, चंद्रपाल सिंह, चंद्रपाल सिंह, कमलवीर, प्रदीप उपाध्याय, मनोज, ऋषिपाल सिंह, सुरेंद्र कुमार सिंह, अतुल शर्मा, ओमकार शर्मा आदि रहे।
समायोजन रद होने के बाद साथियों द्वारा की गई आत्महत्या से हैं दुखी
बरेली : ऑनलाइन ‘गुरुकुल’ पीएलसी से जुड़े कई देशों के करीब 17 हजार शिक्षक, बेसिक’ सुधारने के लिए विदेश से सीख
बोर्ड परीक्षा में ‘सवाल’ बनी बेसिक शिक्षा को लेकर इन दिनों बेशक हल्ला मचा है लेकिन, कुछ शिक्षक शिद्दत से उसका हाल सुधारने का रास्ता खोजने में जुटे हैं। कोशिश, पढ़ाई का ‘बेसिक’ सुधारने की है। सहारा तकनीक को बनाया है जिसके जरिये ऑनलाइन ‘गुरुकुल’ प्लेटफार्म तैयार किया है। नाम दिया है- प्रोफेशनल लर्निग कम्युनिटी (पीएलसी)। इसमें देश ही नहीं बल्कि विदेश के भी तमाम शिक्षक जुड़े हैं, जो पढ़ाई में सुधार को लेकर अपने आइडयिा और विजन साझा करते हैं। बच्चों को बेहतर ढंग से पढ़ाने के प्रयोग पर सवाल-जवाब होते हैं। सुधार के लिए बेहतर सुझाव दिए जाते हैं।
यह पहल भी प्रशिक्षु शिक्षकों का गूगल ग्रुप बनाकर उनके पढ़ाने का ढंग बदलने वाली डायट प्रवक्ता डॉ. शिवानी यादव की है। पिछले साल 24 अप्रैल को गुरुकुल पीएलसी नाम से फेसबुक आइडी शुरू की। इसके बाद फेसबुक पेज बनाया, यूट्यूब चैनल तैयार किया और फिर बेवसाइट बनाई। इस मकसद के साथ कि अधिक से अधिक शिक्षकों को जोड़कर बेसिक की दशा सुधारने के लिए आइडिया शेयर हो सकें। 117 हजार शिक्षकों में तीन सौ विदेशी:1गुरुकुल पेज(गुरुकुल प्रोफेशनल लर्निग कम्युनिटी)से अब तक करीब 17000 हजार शिक्षक जुड़ चुके हैं। इनमें तमाम राज्यों के साथ-साथ अमेरिका, दुबई, हांगकांग, ऑस्ट्रेलिया समेत कई अन्य देशांे के शिक्षक शामिल हैं। विदेशी शिक्षकों की संख्या करीब तीन सौ तक पहुंच चुकी है। वे सभी ऑनलाइन गुरुकुल पर शिक्षा में सुधार के लिए किए गए कार्य, नवीन तकनीकों, विधाओं, शैक्षिक नवाचारों एवं रचनात्मक कार्यो को शेयर करते हैं, जिसमें वीडियो, ऑडियो, खबरें, नोट्स आदि शामिल हैं। कई बार ऑनलाइन चर्चा भी होती है।