इलाहाबाद : यूपी बोर्ड प्रशासन सिर्फ हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की लिखित परीक्षा में ही सख्ती नहीं बरत रहा है, बल्कि उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन भी कड़ी निगरानी के बीच होगा। इसमें जिन परीक्षकों की ड्यूटी लगेगी उन्हें इस बार पॉवर प्रजेंटेशन के जरिए प्रशिक्षित भी किया जाएगा। प्रदेश भर में मूल्यांकन कार्य 20 मार्च से शुरू कराने की योजना बन रही है। महकमे के अफसर इसकी नियमित मॉनीटरिंग करेंगे।
■ पॉवर प्रजेंटेशन के जरिए प्रशिक्षण देने की तैयारियां शुरू
■ 20 मार्च से उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कराने पर मंथन
यूपी बोर्ड प्रशासन पहले ही यह स्पष्ट कर चुका है कि उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन सीसीटीवी कैमरे के सामने होगा, ताकि परीक्षक समय से सही तरीके से कॉपियों का मूल्यांकन करें। इस बार परीक्षकों को मूल्यांकन का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, इसके पहले हर जिले को विस्तृत दिशा-निर्देश भेजे जाते थे। इसी प्रशिक्षण में लिखित निर्देश भी दिए जाएंगे। बोर्ड प्रशासन की मंशा है कि कॉपियां इस तरह से जांची जाए कि उनके पुनमरूल्यांकन की नौबत ही न आए और ही बाद में परीक्षार्थी अंक बढ़वाने की दावेदारी कर सकें। यह तभी संभव है कि जब परीक्षक कार्य पूरे मनोयोग से करें।
परीक्षा कार्यक्रम वैसे तो 10 मार्च तक का घोषित है लेकिन, कुछ परीक्षाएं 12 मार्च को भी होंगी। इसके बाद तीन से चार दिनों में उत्तर पुस्तिकाएं संबंधित जिलों में पहुंचेंगी। ऐसे में मूल्यांकन कार्य 20 मार्च से शुरू कराने की योजना है। यही नहीं, इस बार परीक्षा टॉप करने वाले परीक्षार्थियों की कॉपी मॉडल के रूप में वेबसाइट पर अपलोड करने की भी तैयारी है, यह तभी संभव है, जब मूल्यांकन पर कोई सवाल न उठे। बोर्ड सचिव नीना श्रीवास्तव का कहना है कि कार्य पारदर्शी और शासन की मंशा के अनुरूप होगा।
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