प्रधानमंत्री मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर लगाया वादा खिलाफी का आरोप
सहायक अध्यापक पद पर समायोजन बहाली के लिए शिक्षामित्र फिर आंदोलन तेज करेंगे। 28 फरवरी को जिला गन्ना कार्यालय परिसर में धरना देकर मुख्यमंत्री व केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री को संबोधित ज्ञापन डीएम को देंगे। धरने पर ही अगली रणनीति की घोषणा की जाएगी। सत्तादल भाजपा के सांसद व विधायकों को एक बार फिर से ज्ञापन देकर अपने पक्ष में सरकार का रुख लाने की कोशिश होगी।
प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष एवं प्रदेश मंत्री विनोद कुमार वर्मा ने रविवार को बडेल स्थित कार्यालय में पदाधिकारियों के साथ बैठक कर 28 फरवरी के धरने में शतप्रतिशत शिक्षामित्रों को शामिल होने की अपील की। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने तीन दिन के अंदर शिक्षामित्रों को शिक्षकों के समान वेतन देने की घोषणा की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिक्षामित्रों की जिम्मेदारी ली थी, फिर भी शिक्षामित्र आज भूखे मरने को विवश हैं। अपने राजनीतिक हितों के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार शिक्षामित्रों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। लोक सभा चुनाव अगले साल आने वाला है। प्रधानमंत्री ने यदि अपना वायदा नहीं निभाया तो उसका खामियाजा चुनाव में भुगतना होगा। उन्होंने कहा कि चार सौ से ज्यादा शिक्षामित्र समायोजन निरस्त होने के सदमे में जान गवां चुके हैं, पर केंद्र व प्रदेश सरकार के कानों तक जूं नहीं रेंगी। सरकार ने संवेदनहीनता की हदें पार कर दी हैं ऐसे में धैर्य धारण करने की शक्ति नहीं बची है। बैठक में रोहित त्रिपाठी, अनिल शर्मा, संजय शर्मा, बजरंग रावत, पवन कुमार श्रीवास्तव, राम प्रताप, शिव कुमार आदि मौजूद रहे।
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