धरातल पर अब तक नहीं आ सके 1998 में बने कानून, नकलचियों पर अंकुश को इस बार किए जा रहे हैं कई प्रयोगयूपी बोर्ड परीक्षा83753 परीक्षार्थी पहले ही बाहर
यूपी बोर्ड ने परीक्षा शुरू होने से पहले ही आवेदन पत्रों की सघन जांच कराई इसमें 83753 परीक्षार्थियों के आवेदन निरस्त कर दिए गए हैं। इसमें हाईस्कूल में 49384 व इंटर में 34369 परीक्षार्थी शामिल हैं। इन सभी के अभिलेख दुरुस्त नहीं थे। साथ ही बाहर हुए सभी व्यक्तिगत परीक्षार्थी हैं। 1अन्य खास बातें
’संवेदनशील व अति संवेदनशील केंद्रों की निगरानी को एसटीएफ की मदद, एलआइयू भी रहेगी सक्रिय। ’जिन केंद्रों पर छात्रएं अपने ही स्कूल में परीक्षा देंगी वहां पर दूसरे कालेज का केंद्र व्यवस्थापक। ’परीक्षा के दौरान सीसीटीवी कैमरे बंद होने या न चलने पर केंद्र व्यवस्थापक व अफसरों पर कार्रवाई।
’अति संवेदनशील केंद्रों पर स्टेटिक मजिस्टेट पूरे समय रहेगा, सचल दल के साथ पुलिस बल मौजूद होगा। ’परीक्षार्थियों से अभद्रता नहीं होगी, लेकिन नकल होने पर कक्ष निरीक्षक व केंद्र व्यवस्थापक पर कार्रवाई होगी। ’नकल होने पर जिलाधिकारी, डीआइओएस व जेडी सामूहिक रूप से जिम्मेदार होंगे।
परीक्षार्थियों की संख्या के लिहाज से दुनिया के सबसे बड़े यूपी बोर्ड की परीक्षा से नकल का ‘कलंक’ मिटाने में इस बार सरकार के नए इंतजाम कसौटी पर होंगे। पहली बार सभी केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में परीक्षा होगी, इसके साथ ही एसटीएफ भी पहली बार ही लगाई गई है। नकल को लेकर मुख्यमंत्री की गंभीरता से भी इस बात के संकेत मिले हैं कि इस बार शायद 20 साल पहले बने नियम कानूनों को अमली जामा पहनाने में सफलता मिल जाए।
नकल रोकने के लिए नियम कानूनों को आखिरी बार 1998 में संशोधित किया गया था। तब से अब तक हर सरकार नकल रोकने के दावे करती रही है लेकिन, कभी भी सफलता नहीं मिल सकी। इस बार परीक्षा का तकनीकी पक्ष अधिक मजबूत है। 50 से अधिक जिलों में क्रमांकित कापियां भेजी गई हैं। इससे पहले केंद्रों का निर्धारण भी ऑनलाइन किया गया।
केंद्रों की संख्या भी पिछली बार के मुकाबले काफी कम है, इसलिए उनकी निगरानी आसान होगी। अब जबकि परीक्षा को महज दो दिन बाकी रह गए हैं, केंद्र व्यवस्थापक, कक्ष निरीक्षकों का इंतजाम जिला स्तर पर पूरा कर लिया गया है। बोर्ड प्रशासन ने मंडल स्तर के पर्यवेक्षकों की सूची जारी करने के बाद उत्तरपुस्तिकाएं व प्रश्नपत्र भी सभी जिलों में पहुंचा दिया है। गौरतलब है कि हाईस्कूल व इंटर की परीक्षाएं छह फरवरी से शुरू होंगी।
परीक्षकों के लिए आधार अनिवार्य : इस बार परीक्षकों को परिचय पत्र व आधार कार्ड लेकर जाना अनिवार्य किया गया। जो परीक्षक कालेजों में नहीं पहुंचे उन पर कार्रवाई भी करने की तैयारी है। हाईस्कूल के परीक्षार्थियों की प्रायोगिक परीक्षा के अंक ऑनलाइन मंगाए गए हैं। इसके अलावा प्रवेश पत्र भी ऑफलाइन व ऑनलाइन दोनों तरह से दिया गया है। उस पर परीक्षार्थी की समय सारिणी भी दर्ज है। मुख्यालय पर बने परीक्षा केंद्र
यूपी बोर्ड ने पहली बार हाईस्कूल व इंटर के सभी जिलों के परीक्षा केंद्र बोर्ड मुख्यालय पर कंप्यूटर के जरिए बनाए हैं। इसमें सभी दावेदार कालेजों के संसाधन फीड किए गए और जिला समिति की रिपोर्ट के आधार पर उनका निर्धारण हुआ। ऐसे में करीब ढाई हजार अधिक केंद्र घटे हैं। ज्ञात हो कि पिछले वर्ष की परीक्षा में 11414 केंद्र बने थे, जबकि इस वर्ष महज 8549 केंद्र बनाए गए हैं।
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