मानदेय न मिलने के कारण आर्थिक तंगी से गुजर रहे शिक्षामित्र द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले में शासन ने बीएसए पर गाज गिराई है। शिक्षक एमएलसी जगवीर किशोर जैन द्वारा मामले को सदन में उठाए जाने के बाद उप मुख्यमंत्री द्वारा जिला बेसिक शिक्षाधिकारी एसके तिवारी के निलंबन की जानकारी उन्हें दी गई है। 113 फरवरी की देर शाम अलीगंज क्षेत्र के मूल निवासी और अवागढ़ ब्लॉक के औनेरा प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत समायोजित शिक्षामित्र मनमोहन सिंह द्वारा कस्बा अवागढ़ में अपने किराए के आवास पर फंदे पर झूलकर आत्महत्या कर ली थी। मृतक शिक्षामित्र ने अपने सुसाइड नोट में पांच महीने से विभागीय कारगुजारी के कारण मानदेय न मिलने की स्थिति में आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए संवेदनाओं को झकझोरने वाली पीड़ा भी व्यक्त की थी। मामले को लेकर प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के पदाधिकारियों ने काफी आक्रोश व्यक्त किया तथा विभागीय अधिकारियों पर आरोप जड़े। बार-बार ज्ञापन देने के बाद भी शिक्षामित्रों का मानदेय न दिए जाने में विभागीय निष्क्रियता को भी प्रमुख बताया। मामले की जानकारी के बाद शिक्षक एमएलसी जगवीर किशोर जैन ने संगठन के पदाधिकारियों से मामले के संबंध में पूरी जानकारी ली तथा विधान परिषद में एक शिक्षित के आत्महत्या करने की बात को शासन-प्रशासन के लिए कलंक बताया। गुरुवार को यह मामला सदन में रखा गया था। इसके बाद शासन स्तर से कार्रवाई की गई है। दूरभाष पर शिक्षक एमएलसी जगवीर किशोर जैन ने खुद जागरण को बताया कि शिक्षामित्र आत्महत्या मामले में उप मुख्यमंत्री दिनेश चंद्र शर्मा ने सदन को बताया है कि एटा बीएसए को निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने मृत शिक्षामित्र के परिवार के प्रति भी अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए संगठन की ओर से दुख व्यक्त किया है
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