इलाहाबाद : यूपी बोर्ड की 2018 परीक्षा समापन की ओर बढ़ रही है। ऐसे में परीक्षा परिणाम और प्रमाणपत्र देने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। बोर्ड प्रशासन इस बार अंक-सह प्रमाणपत्र के स्वरूप में कुछ बदलाव करने जा रहा है। अफसरों ने इसके लिए एजेंसियों से संपर्क साधा है। नए प्रमाणपत्र पर अंतिम मुहर जल्द लगने के आसार हैं।
माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के परीक्षार्थियों को पहले अंक व प्रमाणपत्र अलग-अलग वितरित करता रहा है। कुछ वर्षो से दोनों को एक करके उसका नामकरण अंक-सह प्रमाणपत्र कर दिया गया है। बोर्ड ने इसमें फर्जीवाड़ा रोकने के लिए प्रमाणपत्र के कागज के भीतरी व प्रमाणपत्र पर विशेष सिक्योरिटी फीचर्स डाल रखे हैं। उन्हें आगे भी बरकरार रखने पर सहमति बनी है। तैयारी है कि प्रमाणपत्र का आकार इस बार कुछ बढ़ाया जाएगा और कागज की गुणवत्ता और बेहतर होगी। इसके लिए चुनिंदा एजेंसियों से संपर्क साधा गया है। प्रमाणपत्र में होने वाले अंकन व निर्देशों में भी आंशिक बदलाव संभावित है।
प्रदेश सरकार ने माध्यमिक कालेजों का शैक्षिक पिछले कुछ वर्षो में जुलाई से हटाकर अप्रैल से मार्च तक कर दिया है। हालांकि मौजूदा सत्र में विधानसभा चुनाव के कारण सत्र को फिर से जुलाई से शुरू करना पड़ा था लेकिन, अब यह तय हो गया है कि आगे से इसमें बदलाव नहीं होगा, सत्र अप्रैल से मार्च तक ही चलेगा। इसीलिए इस बार परीक्षाएं तय कार्यक्रम से काफी पहले शुरू की गईं और यह प्रयोग कारगर भी रहा है। ऐसे में प्रमाणपत्र पर शैक्षिक सत्र का भी बदलाव किया जाएगा। बोर्ड सचिव नीना श्रीवास्तव ने बताया कि हर कार्य में बेहतरी के प्रयास किए जा रहे हैं। उसी के तहत अंक-सह प्रमाणपत्र में भी कुछ बदलाव होना जरूरी है। उसी के तहत मंथन चल रहा है। जल्द ही इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।
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