पैसे होते तो आरटीई से क्यों
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जिलाधिकारी से की शिकायत में सेजल के पिता ने कहा है कि आरडी मेमोरयिल कॉलेज कई तरह की फीस जोड़कर नौ सौ रुपये जल्द से जल्द जमा करने का कहा है। मैं मजदूरी करके किसी तरह घर चला रहा हूं। अगर इतने पैसे होते तो तो फिर आरटीई के जरिए अपने बच्चे का दाखिला क्यों करवाता। इस संबंध में स्कूल के जिम्मेदारों से कई बार बात करने की कोशिश की गई, लेकिन प्रधानाचार्य और प्रबंधक ने कुछ भी बोलने से मना कर दिया।
मामला अभी मेरे संज्ञान में नहीं आया है, जैसे ही आएगा मैं खुद ही इसे गंभीरता से लूंगा। आरटीई नियमों का उल्लंघन किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
-प्रवीण मणि त्रिपाठी, बीएसए
आरडी मेमोरियल ही नहीं कई और कॉलेज भी हैं, जिनके गलत तरीके से फीस हासिल करने की शिकायतें आई हैं। डीएम और शिक्षा विभाग के संबंधित अधिकारियों को जानकारी दी गई है। - रविंद्र कुमार, अध्यक्ष, अभिभावक संघ सम्बद्ध न्यू असोसिएशन
वेबसाइट की मॉनिटरिंग जिम्मेदार कर्मियों से करवाई जा रही है। हां, कुछ स्कूलों के नाम रह गए थे, जिसे तुरंत अपलोड करने के निर्देश पहले ही दे दिए थे, जिसे भी समस्या हो सीधे मुझसे आकर मिले। -प्रवीण मणि त्रिपाठी, बीएसए
हैदरगंज वॉर्ड थर्ड में रहने वाली मीना ने बताया कि दोनों लड़कियों के ऐडमिशन के चलते वह दो हफ्तों से ठीक से काम पर नहीं जा पा रही हैं। मीना ने बताया कि उनके घर के पास मैरिडियन पब्लिक स्कूल, जेपी मॉडल पब्लिक स्कूल स्थित हैं, लेकिन वेबसाइट पर नाम गायब है। शिक्षा विभाग के चक्कर काटने पर भी
हैदरगंज वॉर्ड सेंकड में रहने वाले श्याम बताते हैं कि गैलेक्सी पब्लिक स्कूल और सिद्धार्थ ग्लोबल पब्लिक स्कूल उनके घर के पास में है। कई बार साइबर कैफे जा चुके हैं, लेकिन इन स्कूलों के अलावा आसपास के दूसरे स्कूलों के नाम भी वेबसाइट पर शो नहीं कर रहे।
आरटीई के तहत हुए दाखिलों में अतिरिक्त शुल्क मांगने का आरोप, अभिभावक ने डीएम
नहीं थम रहा आरटीई वेबसाइट से स्कूलों के नाम गायब होने का खेल, हैदरगंज सेकंड और थर्ड वॉर्ड में सामने आई गड़बड़ी• एनबीटी, लखनऊ : छात्रों से बिजली, मेंटिनेंस और डिवेलपमेंट के नाम पर निजी स्कूल आरटीई नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। बुद्धेश्वर स्थित आरडी मेमोरियल इंटर कॉलेज पर अभिभावक ने अतिरिक्त फीस मांगने का आरोप लगाया है। केजी में पढ़ाई कर रहे सेजल के पैरंट्स ने जिलाधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारी से शिकायत की है कि उनसे अतिरिक्त फीस मांगी गई। ऐसा न करने पर बच्चे का नाम काटने की बात कही गई। जबकि नियम है कि शिक्षा का अधिकार(आरटीई) कानून के तहत कोई भी स्कूल न तो बच्चों से पूरे साल की फीस ले सकता है और न ही अतिरिक्त शुल्क।
डायरी पर लिखकर भेजा मेसेज : आरडी मेमोरियल इंटर कॉलेज में अनिल कुमार गुप्ता के बेटे सेजल गुप्ता का पिछले साल आरटीई के तहत केजी में दाखिला हुआ था। अनिल का आरोप है कि शुरुआत में तो सब ठीक रहा, लेकिन थोड़े दिन बाद स्कूल से सीधे तौर पर फीस न मांगकर बिजली, मेंटिनेस और टर्मिनल के अलावा अतिरिक्त शुल्क बताकर 900 रुपये अतिरिक्त फीस मांगी जा रही है। बाकायदा बच्चों की डायरी पर लिखकर कर भेजा जाता है कि जल्द से जल्द फीस जमा• एनबीटी लखनऊ: शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत दाखिले से बचने के लिए स्कूलों का वेबसाइट से नाम हटवाने का खेल थमने का नाम नहीं ले रहा। अभिभावक संघ सम्बद्ध न्यू असोसिएशन का आरोप है कि एक बार फिर शिक्षा विभाग के मिलीभगत से हैदरगंज सेकंड और थर्ड से 13 स्कूलों ने आरटीई के वेबसाइट से अपने नाम हटवा लिए हैं। इसकी शिकायत को लेकर बुधवार को दर्जनों अभिभावक शिक्षा भवन पहुंचे। इसके अलावा संघ ने भी बीएसए प्रवीण मणि त्रिपाठी से लिखित में की शिकायत है।
आरटीई की वेबसाइट से नाम गायब होने वाले स्कूलों में हैदरगंज सेकंड वॉर्ड से नव ज्योति पब्लिक स्कूल, इंद्राणी पब्लिक स्कूल, गैलेक्सी पब्लिक स्कूल, सिद्धार्थ ग्लोबल पब्लिक स्कूल, चंदा अकैडमी और आरडी मेमोरियल इंटर कॉलेज शामिल हैं। वहीं हैदरगंज वॉर्ड थर्ड से मैरिडियन पब्लिक स्कूल, गंगा देवी मेमोरयिल पब्लिक स्कूल, जेपी मॉडल पब्लिक स्कूल, सेंट मैरी पब्लिक स्कूल, सूर्योदय पब्लिक स्कूल, बचपन पब्लिक स्कूल शामिल हैं।
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