जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में एंटी करप्शन टीम ने लिपिक को रंगे हाथों शिक्षकों से 20 हजार रुपये रिश्वत लेते पकड़ा। उसने रुपये फेंक कर भागने की कोशिश की पर टीम ने उसे दबोच लिया और दिबियापुर थाने ले गई। तलाशी में लिपिक के पास 98 हजार रुपये व दो अंगूठी मिलींं।
औरैया के तिलकनगर निवासी यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष शिक्षक ओमजी पोरवाल व दिबियापुर निवासी यूटा के मंडल अध्यक्ष शिक्षक देवेंद्र प्रताप उर्फ नीरज राजपूत पिछले वर्ष खंड शिक्षा अधिकारी के साथ अभद्रता के आरोप में निलंबित कर दिए गए थे।
बीएसए कार्यालय का लिपिक विनीत पांडेय दोनों शिक्षकों से बहाली के लिए रिश्वत मांग रहा था। ओमजी ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन के कानपुर स्थित कार्यालय में बीते दिनों की थी। टीम गत मंगलवार को बीएसए कार्यालय पहुंची थी पर उस दिन विनीत दफ्तर नहीं आया था। शुक्रवार सुबह एंटी करप्शन इंस्पेक्टर मनीषा भदौरिया टीम के साथ फिर बीएसए दफ्तर पहुंचीं।
टीम के दो सदस्य ओमजी व नीरज के साथ लिपिक विनीत के पास पहुंचे। बहाली के लिए ओमजी ने लिपिक से बात की और उसे बीस हजार रुपये थमा दिए। रुपये जेब में रखते ही एंटी करप्शन टीम के सदस्यों ने लिपिक को दबोच लिया। उसने भागने की कोशिश की लेकिन इस बीच टीम के अन्य सदस्य आ गए।
उन्होंने उसे पकड़ कर अपनी कार में बैठाया और सीधे दिबियापुर थाने ले गए। इस दौरान बीएसए एसपी यादव अपने कार्यालय में मौजूद थे। लिपिक के पकड़े जाने की जानकारी होते ही अन्य कर्मचारी भाग निकले। इंस्पेक्टर मनीषा भदौरिया ने बताया कि बीएसए कार्यालय के लिपिक को घूस लेते पकड़ा है। उसके खिलाफ दिबियापुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है। वहीं बीएसए ने बताया कि उन्होंने दोनों शिक्षकों को 20 दिन पहले ही बहाल कर फाइल डिस्पैच में भेज दी थी।
साभार-दैनिक जागरण
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