नई दिल्ली : जेएनयू, बीएचयू और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय सहित देश के 60 उच्च शिक्षण संस्थान अब यूजीसी की दखलंदाजी से मुक्त होंगे। यह सभी अब अपनी जरूरत के मुताबिक नए कोर्स और विभाग चालू कर सकेंगे। इसके लिए इन्हें अब यूजीसी के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंगलवार को यूजीसी बोर्ड की मीटिंग के बाद 60 उच्च शिक्षण संस्थानों को स्वायत्तता प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यूजीसी के तय मापदंडों को पूरी तरह से मानने और नैक की रैकिंग में शीर्ष स्थान प्राप्त करने के बाद इन संस्थानों को स्वायत्त बनाया गया है।
राज्य स्तर के संस्थानों में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी दिल्ली, डीवाई पाटिल विद्यापीठ पुणो, सिम्बायसिस इंटरनेशनल पुणो और जाधवपुर यूनिवर्सिटी कोलकाता प्रमुख हैं। ये संस्थान बगैर यूजीसी की अनुमति के ही जहां नए कोर्स और विभाग चालू कर सकेंगे, वहीं वह ऑफ कैंपस गतिविधियां, रिसर्च पार्क, कौशल विकास के नए कोर्स और विदेशी छात्रों की प्रवेश के नए नियम बना सकेंगे। इसके अलावा वह सरकार के तय वेतनमान से भी ज्यादा वेतन पर अच्छी फैकेल्टी नियुक्त कर सकेंगे। इसके साथ ही जिन कालेजों को स्वायत्ता प्रदान की गई है, उन्हें भी नए कोर्स और विभाग शुरू करने की अनुमति रहेगी।
■ यूजीसी की अनुमति बगैर शुरू कर सकेंगे नए कोर्स और विभाग
■ स्वायत्त संस्थानों में पांच केंद्रीय विवि, 21 राज्य विवि शामिल
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