महराजगंज : जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में प्रशिक्षण लेने वाले बीटीसी व डीएलएड के प्रशिक्षुओं के लिए अच्छी खबर है। संस्थान ने प्रशिक्षुओं को अब स्मार्ट क्लास से शिक्षा देने की कवायद प्रारंभ कर दी है। स्मार्ट क्लास के जरिये प्रशिक्षु न सिर्फ अपने ज्ञान को बढ़ाएंगे बल्कि उनमें तकनीकी का भी विकास होगा। संस्थान के चार कमरों को स्मार्ट क्लास के अनुकुल बनाया जाएगा। शासन ने शिक्षा क्षेत्र में तकनीकी गतिविधियों को बढ़ावा देने तथा प्रशिक्षुओं को तकनीकी ज्ञान उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान को टेक्नालाजी इन टीचर एजुकेशन कार्यक्रम के तहत डेढ़ लाख रुपये उपलब्ध कराया है। मंशा है कि संस्थान को तकनीकी रूप से संसाधनों से लैस किया जाए जिससे प्रशिक्षु शिक्षक प्रोजेक्टर के माध्यम से सुविधाजनक तरीके से प्रशिक्षण प्राप्त करें। प्रशिक्षु शिक्षक भविष्य के शिक्षक हैं, ऐसे में यदि उन्हें संस्थान में व्यवहारिक ज्ञान के साथ-साथ तकनीकी ज्ञान की जानकारी होगी तो वह न सिर्फ उनके लिए कारगर होगी बल्कि भविष्य में उसका लाभ ग्रामीण क्षेत्र के गरीब बच्चों को भी मिल सकेगा। शासन द्वारा जारी की गई धनराशि से संस्था में प्रोजेक्टर, साउंड सिस्टम व कंप्यूटर आदि की खरीददारी होगी। स्मार्ट क्लास कक्ष के रूप में विकसित होंगे चार कमरे: डायट प्रबंधन ने संस्थान के सेमिनार हाल, वाचनालय, डीएलएड व बीटीसी प्रशिक्षुओं के कक्ष को स्मार्ट क्लास के रूप में विकसित करने की व्यवस्था की है। डायट में दो प्रोजेक्टर पहले से मौजूद हैं, ऐसे में प्रबंधन द्वारा दो प्रोजेक्टर और खरीदे जाएंगे। चारो कक्ष को शिक्षा के लिए इस तरह से विकसित किया जाएगा जिससे प्रशिक्षुओं को सुविधा होगी ।
विकास की दिशा में उठाए जा रहे कदम: प्रभारी प्राचार्य
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्रभारी प्राचार्य मसऊद अख्तर अंसारी ने कहा कि संस्थान में स्मार्ट क्लास को बढ़ावा देने की कवायद प्रारंभ की गई है। अप्रैल माह से इसे प्रारंभ किए जाने की पहल की जाएगी। उम्मीद है कि भविष्य में इसके सार्थक परिणाम सामने आएंगे।
विकास की दिशा में उठाए जा रहे कदम: प्रभारी प्राचार्य
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्रभारी प्राचार्य मसऊद अख्तर अंसारी ने कहा कि संस्थान में स्मार्ट क्लास को बढ़ावा देने की कवायद प्रारंभ की गई है। अप्रैल माह से इसे प्रारंभ किए जाने की पहल की जाएगी। उम्मीद है कि भविष्य में इसके सार्थक परिणाम सामने आएंगे।
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