बायोमीटिक मशीन में हाजिरी लगाकर गायब होने की परंपरा पर पूर्णविराम लगने जा रहा है। नए शैक्षिक सत्र में शिक्षकों की गतिविधियों पर प्रभावी अंकुश लगाने की है। अब उन्हें कक्षाओं में हर हाल में पढ़ाना ही होगा, वहीं कालेजों में दाखिला लेने वाले छात्र-छात्रएं भी सिर्फ कोचिंग व ट्यूशन के सहारे नहीं रहेंगी, उन्हें भी रोज स्कूल पहुंचना होगा। नए सत्र से माध्यमिक कालेजों की पढ़ाई की निगरानी सीसीटीवी कैमरों के जरिए करने की है। जिसमें महकमे के अफसर व विभागीय मंत्री तक कार्यालय में बैठकर ही स्कूलों का हाल सीधे जान सकेंगे।
यूपी बोर्ड के प्रदेश में 26 हजार से अधिक हाईस्कूल व इंटर कालेज हैं। शासन ने सभी कालेजों में सीसीटीवी कैमरा लगाना अनिवार्य किया है। पिछली हाईस्कूल व इंटर की परीक्षा के लिए बड़ी संख्या में कालेजों ने दावेदारी की, उनमें से अधिकांश ने यह कैमरे लगवा लिए हैं। परीक्षा में नकल पर अंकुश लगाने में इन कैमरों का प्रयोग कारगर रहा है। अब इसी के जरिए कालेजों में पढ़ाई कराने का खाका खींचा गया है, यानि कालेजों में पढ़ाई हो रही है या नहीं इसका निरीक्षण इन कैमरों के जरिये होगा।
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