स्कूल को चमकाने में अपना पैसा खर्च कर रहे यहां के अध्यापकअपना पैसा लगाकर शिक्षक दंपती ने चमकाए स्कूल
मन में हौसला हो, और समाज के लिए कुछ करने की चाहत तो ऐसे लोग समस्यायों का रोना नहीं रोते हैं। वे जहां हैं, जैसे हैं, चल पड़ते हैं, और दूर निकल जाते हैं। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है शिक्षक दंपती ने। ये दोनों स्कूल 2012 में मंजूर हुए, निर्माण के लिए 16.50 लाख रुपये भी मिले, लेकिन निर्माण नहीं हो सका। 2014 में यहां शिक्षक मुजाहिद अली खां को लगाया गया। उन्होंने स्कूल का निर्माण शुरू कराया, लेकिन तब तक एस्टीमेट में लागत बढ़कर 23.50 लाख हो चुकी थी। मुजाहिद ने इसकी परवाह किए बगैर निर्माण पूरा कराया। वह कहते हैं कि उन्होने करीब डेढ़ लाख रुपये अपने पास से खर्च किए। पूर्व माध्यमिक विद्यालय में मुजाहिद और प्राइमरी स्कूल में उनकी पत्नी नसरीन इंचार्ज रहीं। दस दिन पहले मुजाहिद का तबादला हो चुका है। नसरीन बताती हैं कि उन्होने घर घर जाकर बच्चों को खोजा और दाखिला दिलाया। अब जूनियर हाईस्कूल में 30 और प्राइमरी स्कूल में 194 बच्चे पढ़ रहे हैं। वे हर माह एक हजार रुपये अपने वेतन से स्कूल के बच्चों पर खर्च करती हैं। इतनी ही रकम उनके पति हर माह स्कूली बच्चों पर खर्च करते हैं। उनका मकसद स्कूल को चमकाना और बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाना है।
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