राजकीय कालेज की शिक्षक भर्ती की गड़बड़ियां रह-रहकर सामने आ रही हैं। शारीरिक शिक्षा अध्यापक के पद पर बीपीएड व बीपीई को मान्य किया गया है, जबकि डीपीएड करने वालों को बाहर कर दिया है। यही नहीं उप्र लोकसेवा आयोग खुद प्रवक्ता शारीरिक अनुदेशक के पद पर डीपीएड को मान्य कर चुका है, इसके बाद भी नई भर्ती में यह पाठ्यक्रम बाहर हो गया है।
अभ्यर्थी सतेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव का कहना है कि शारीरिक शिक्षा में डिप्लोमा स्नातक करने के बाद होता है। विभिन्न आयोगों ने इसे मान्य किया है, ऐसे में इस भर्ती से डीपीएड को क्यों बाहर रखा गया है, यदि बीएड व समकक्ष अर्हता का जिक्र होता तब भी आवेदन हो जाता लेकिन, इसमें किसी तरह की राहत नहीं दी गई है। प्रदेश में ही माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड, अधीनस्थ चयन आयोग तक में यह मान्य है। वहीं, कस्तूरबा गांधी स्कूलों, केंद्रीय विद्यालय तक इसे स्वीकार कर रहे हैं यहां नियम अलग कर दिए गए हैं।
वादे के बाद भी आयु में राहत नहीं: एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती का 9342 पदों के लिए पहली बार विज्ञापन 2016 में आया था। योगी सरकार नियमावली में बदलाव करके मेरिट से होनी वाली भर्ती लिखित परीक्षा से करा रही है। सरकार की ओर से कहा गया था कि 2016 के अभ्यर्थियों का इसमें पूरा ध्यान रखा जाएगा। अभ्यर्थी जहां लिखित परीक्षा होने से खुश हैं, वहीं आयु की गणना एक जुलाई 2018 से करने से नाराज हो गए हैं। उनका कहना है कि आयु गणना पुराने विज्ञापन के तहत एक जुलाई 2016 से होनी चाहिए, अन्यथा उम्र अधिक हो जाने से बड़ी संख्या में अभ्यर्थी आवेदन ही नहीं कर सकेंगे। धर्मेद्र उपाध्याय, राजेश गुप्त, हरींद्र पाठक आदि ने सरकार से विज्ञापन में संशोधन की मांग की है। इसके पहले वह लोकसेवा आयोग सचिव को ज्ञापन दे चुके हैं लेकिन, उनका कहना है कि इस संबंध में शासन ही अंतिम निर्णय कर सकता है।
कंप्यूटर शिक्षकों का प्रदर्शन: शिक्षा निदेशालय में तीसरे दिन भर्ती को लेकर कंप्यूटर के अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि पीजीडीसीए कोर्स मान्य हो और बीटेक के साथ बीएड की अनिवार्यता खत्म की जाए। ऐसा न होने से हजारों पद खाली रह जाएंगे। बीटेक और बीएड करने वालों की संख्या बहुत कम है
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