इलाहाबाद : यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा 2018 में भले ही 67 लाख से अधिक परीक्षार्थियों ने शामिल होने की दावेदारी की थी। उनमें से करीब 12 लाख परीक्षार्थी रिजल्ट आने से पहले ही फेल-पास की दौड़ से लगभग बाहर हो चुके हैं। ऐसे में इस बार रिजल्ट में 55 लाख 16 हजार से अधिक के बीच में ही अंक पाने और उत्तीर्ण या अनुत्तीर्ण जानने की होड़ रहेगी।
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षा में 37 लाख 12 हजार 508 व इंटर में 30 लाख 17 हजार 32 सहित कुल 67 लाख 29 हजार 540 अभ्यर्थियों ने परीक्षार्थी बनने का आवेदन किया था। 1बोर्ड प्रशासन ने इम्तिहान शुरू होने से पहले ही आवेदन पत्रों की गहनता से जांच कराई, जिसमें हाईस्कूल के 49 हजार 384 और इंटर के 34 हजार 369 सहित कुल 83 हजार 753 के आवेदन सही नहीं मिले, इन सभी को प्रवेश पत्र ही जारी नहीं किए गए। शेष के लिए छह फरवरी से इम्तिहान शुरू हुआ।
सीसीटीवी कैमरे की निगरानी और नकल पर विशेष सख्ती के इंतजाम होने से पहले दिन से ही परीक्षार्थियों ने इम्तिहान से किनारा करना शुरू किया। पहली बार कुछ दिन को छोड़कर परीक्षा के अंतिम दिन तक परीक्षार्थियों ने इम्तिहान को बाय-बाय किया। इस दौरान रिकॉर्ड 11 लाख 29 हजार से अधिक परीक्षा देने ही नहीं पहुंचे। इनमें से साढ़े चार लाख से अधिक परीक्षार्थी इंटर के हैं, उन्होंने एक विषय की परीक्षा छोड़ी है, उनका फेल होना तय है। बाकी हाईस्कूल के परीक्षार्थियों ने जिन्होंने दो विषयों की परीक्षा छोड़ दी है वह भी बाहर हो चुके हैं, केवल एक विषय की परीक्षा छोड़ने वाले वही अभ्यर्थी उत्तीर्ण हो सकेंगे, जो अन्य विषयों में भी उत्तीर्ण हों। इस तरह से करीब 12 लाख से अधिक परीक्षार्थी रिजल्ट की दौड़ से लगभग बाहर हो चुके हैं।राज्य
पहली बार कुछ दिन को छोड़कर परीक्षा के अंतिम दिन तक परीक्षार्थियों ने इम्तिहान को बाय-बाय किया। इस दौरान रिकॉर्ड 11 लाख 29 हजार से अधिक परीक्षा देने ही नहीं पहुंचे। इनमें से साढ़े चार लाख से अधिक परीक्षार्थी इंटर के हैं, उन्होंने एक विषय की परीक्षा छोड़ी है, उनका फेल होना तय है। बाकी हाईस्कूल के परीक्षार्थियों ने जिन्होंने दो विषयों की परीक्षा छोड़ दी है वह भी बाहर हो चुके हैं, केवल एक विषय की परीक्षा छोड़ने वाले वही अभ्यर्थी उत्तीर्ण हो सकेंगे, जो अन्य विषयों में भी उत्तीर्ण हों। इस तरह से करीब 12 लाख से अधिक परीक्षार्थी रिजल्ट की दौड़ से लगभग बाहर हो चुके हैं।परीक्षा के दौरान जिन छात्र-छात्रओं के आवेदन निरस्त हो गए थे या फिर जिन लोगों ने परीक्षा छोड़ दी थी और भाग गए वह नकल के भरोसे थे। - नीना श्रीवास्तव, बोर्ड सचिव
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